‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर रिलीज होने से राजनीति में हंगामा मच गया है। अनुपम खेर और अक्षय खन्ना अभीनीत इस फिल्म में गांधी परिवार की भूमिका को लेकर कांग्रेस और उनके कार्यकर्ता फिल्म का विरोध का कर रहे हैं। कांग्रेस इसे भाजपा के लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार और अपनी अलोचना के रूप में देख रही है। फिल्म पर उठ रहे सवालों और विवादों के चलते प्रधानमंत्री में तत्काल सचिव रहे संजय बारु की भूमिका निभा रहे अक्षय खन्ना ने एक इंटरव्यू में फिल्म के राजनीतिक विरोधों और अलोचना का करारा जबाव दिया है।
संजय बारु ने मनमोहन सिंह के बारे में 2014 में द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के नाम से एक किताब लिखी। जो उस समय भी विवादों में घिरी रही। इस किताब पर आधारित फिल्म भी जल्द ही रिलीज होने वाली है। जो विवादों में चल रही है। अक्षय खन्ना ने कहा कि जो भी मैंने किताब में पढ़ा और देखा, वह देखने पर ऑडियंस को भी इंटरेस्टिंग लगेगा। जिस तरह से प्रोमो में कुछ हिस्से हटाए गए हैं, वह कोर्ट के दायरे से बाहर है, लेकिन जब लोग देखेंगे तो वे महसूस करेंगे कि यह सच नहीं है।
अक्षय खन्ना ने कहा कि हमने राजनीतिक फिल्म बनाई है, लेकिन यह किताब से बिल्कुल भी अलग नहीं है और न ही तथ्यों से जोकि पहले से ही लोगों के बीच में हैं। हमने वो दिखाया है जो लोगों ने पहले से ही सुना है, जाना है और देखा है। हम मैच्योर एंटरटेनर है और जानते कि लोग जब सिनेमाघरों से निकलेंगे तो उनके चेहरे पर मुस्कान होगी।
फिल्म निर्माता विजय गुट्टे ने आपको फिल्म में संजय बारु के रोल में इसलिए क्योंकि आपका राजनीति में फैमिली बैकग्राउंड रहा है.. के सवाल पर अक्षय खन्ना ने कहा , ‘नहीं, उन्होंने कहा कि अक्षय के पिता (दिवंगत विनोद खन्ना) राजनीति में थे इसलिए उन्हें स्क्रिप्ट दी गई, उन्होंने फिल्म के पोइंट ऑफ व्यू से और थोड़ा राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सोचा होगा। लेकिन ऐसा उनका मानना है। मैं उनसे सहमत नहीं हूं। मैं अखबार पढ़ता हूं, न्यूज देखता हूं,लेकिन राजनीति को एक्टिवली फॉलो नहीं करता और न हीं समझ मैं आता यह कैसे काम करती है। वह कई एक्टर्स के पास गए, जब सबने मना कर दिया तो मेरे पास आए।’
स्क्रिप्ट पढ़कर पहले किया मना
आपने क्या सोचकर फिल्म को हां कहा? के सवाल पर अक्षय खन्ना ने कहा कि स्क्रिप्ट का पहला ड्राफ्ट पढ़ने पर मैंने भी मना कर दिया था क्योंकि मेरी भूमिका स्पष्ट नहीं हो रही थी। लेकिन मैंने विजय को कहा कि यह महत्वूपर्ण फिल्म है और आपको इसे बनाना चाहिए। उन्होंने मुझसे कुछ सवाल पूछे, तब मेरे लिए कुछ लिखने लगे। को-राइटर मयंक तिवारी मेरे डायलॉग से पहले मेरे लिए कुछ लिखते। इस बार उन्होंने मेरी भूमिका को लेकर जो किया, मैंने तुरंत ‘हां’ बोल दिया। मैं इस तरह के राइटिंग को मिस नहीं करना चाहता था।
आपको बता दें कि फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर’, विक्की कौशल की ‘उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक‘ के साथ 9 जनवरी को रिलीज हो रही है। दोनों फिल्मों के एक दिन रिलीज होने पर और मनमोहन सिंह-कांग्रेस की छवि खराब करने के आरोप पर सफाई देते हुए अक्षय खन्ना ने कहा, ‘यदि आप भारत जैसे राजनीतिक लगाव रखने वाले देश में एक प्रमाणिक फिल्म बनाते हैं, जो कि वास्तविक लोगों और घटना की बात करती है तो स्वाभाविक है कि लोग अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करेंगे और लोगों के अलग-अलग विचार होंगे। इसकी हम उम्मीद करते हैं, अगर ऐसा नहीं होता तो हम निराश होते हैं। कुल मिलाकर यह है कि यह सिर्फ एक फिल्म है, कोई भूकंप या सुनामी नहीं, जिसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है।’
बतौर लेखक जो चाहे लिख सकता हूं
क्या गोधरा दंगों पर हम फिल्म बना सकते है और इसे शांतिपूर्वक रिलीज कर सकते हैं? इस पर अक्षय खन्ना ने कहा कि क्या हमने होलकौस्ट पर सैंकड़ों फिल्म नहीं देखीं, जोकि मानव इतिहास में काला समय था? ज्यूस ही थे जिन्होंने इसपर फिल्म बनाई। ये मायने नहीं रखता की फिल्म किसके समय में बनती है। तथ्य यह है कि फिल्में होलकौस्ट और दोनों वर्ल्ड वॉर पर बनी हैं। रिचर्ड एटेनबोरफ की गांधी ने विभाजन के समय में हिंदू-मुस्लिम की हत्याओं को दिखाया। मैंने खुद गांधी में काम किया। एक लेखक के रूप में आज जो चाहे वो लिख सकता हूं।
संजय बारु ने प्रधानमंत्री को किताब लिखने के बारे में बताया और कहा, ‘तू मेरे बारे में लिखेगा? कड़वा सच भी लिखेगा? ‘ तो बारु ने कहा कि ‘हां’ इस जबाव पर उन्होंने किताब लिखने की अनुमति दे दी और पब्लिश भी हुई। मनमोहन सिंह ने भी इसे पढ़ा और पीएमओ ने किताब के खिलाफ एक बयान दिया लेकिन बारु को किसी कानूनी नोटिस नहीं भेजा।
देखिए द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर…
देखिए अनुपम खेर की तस्वीरें…