Jogi: फ़िल्म ‘जोगी’ में बाल कटवाते समय दिलजीत दोसांझ थे काफ़ी ज्यादा निराश, निर्देशक ने की थी ऐसी हरकत!

निर्देशक अली अब्बास जफर ने हाल ही में आई उनकी फिल्म जोगी के विषय में बात करते हुए इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ के बाल काटने वाले सीन के इससे का जिक्र किया और बताया कि सभी के लिए वो सीन कितना मुश्किल और इमोशनल था.

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Jogi: फ़िल्म ‘जोगी’ में बाल कटवाते समय दिलजीत दोसांझ थे काफ़ी ज्यादा निराश, निर्देशक ने की थी ऐसी हरकत!

पंजाबी अभिनेता दिलजीत दोसांझ को बहुत सी हिंदी फिल्मों में देखा जा चुका है. दिलजीत दोसांझ को उनकी कमाल की एक्टिंग और उनकी कॉमेडी टाइमिंग के लिए भी जाना जाता है. दिलजीत अक्सर कॉमेडी वाली फिल्मों में ही नजर आते हैं, लेकिन अब दिलजीत दोसांझ को हाल ही में रिलीज हुई फिल्म जोगी (Jogi) में एक मुख्य और काफी सीरियस किरदार निभाते हुए देखा जा रहा है.

दिलजीत दोसांझ के फिल्म जोगी (Jogi) साल 1984 में सिख समुदाय के खिलाफ हुए दंगों की कहानी पर आधारित है, और अपनी इस फिल्म के लिए दिलजीत ने पहली बार उनकी पगड़ी उतार बाल कटवाए हैं. सिखों में इसे बहुत बड़ी कुर्बानी भी माना जाता है.

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अली अब्बास जफर ने बताया सच

हाल ही में इस फिल्म के निर्देशक अली अब्बास जफर ने फिल्म के कुछ मुख्य सीन के विषय में बात करते हुए बताया है कि फिल्म  (Jogi) में दिलजीत के बाल कटवाने वाला सीन इस पिक्चर की जान है. आगे बढ़ते हुए उन्होंने बताया कि वो इस सीन को एक सिंगल टेक में करना चाहते थे और उन्होंने अपने टेक्निकल क्रू को ये तक भी कह दिया था कि ‘वो सभी अपने कैमरों को लॉक करें और चले जाएं.’

फिल्म जोगी (Jogi) में दिलजीत दोसांझ एक सिख की भूमिका निभा रहे हैं, जोकि दंगों के दौरान अपने परिवार को बचाने के लिए अपने लंबे बालों की कुर्बानी भी दे देता है. अली अब्बास जफर की ये फिल्म देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मर्डर के बाद अक्टूबर 1984 में हुए सिख समुदाय के खिलाफ दंगों पर आधारित है. इन दंगों में पूरे देश भर के लगभग 3000 सिखों की हत्या कर दी गई थी.

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दिलजीत दोसांझ ने दी  कुर्बानी

इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए निर्देशक ने बताया कि, “जब मैंने दिलजीत को ये स्क्रिप्ट सुनाई तो मैंने उससे पूछा क्या हम इस में से कुछ बदल सकते हैं? और उन्होंने कहा, ‘कुछ भी नहीं’ दिलजीत ने कहा, जो कुछ भी आपने लिखा है वो सच में हुआ है. दिलजीत वो पहला व्यक्ति था जिसने मुझे ये कहा था कि ये सीन इस फिल्म की जान है. सिख समुदाय से नाता रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी कम्युनिटी के लोगों को बचाने के लिए दी गई ये सबसे बड़ी आहुति है, और यही एक वजह भी है कि ये सीन इस फिल्म का सबसे ज्यादा अहम हिस्सा बना.

जब मैं सेट पर आया मैंने सभी कैमरों को उनके स्थान पर सेट किया और अपने टेक्निकल क्रू से कहा कि, मेरे पास सिर्फ एक टेक है, तुम सभी लोगों को जो करना है वो करो अपने कैमरा को लॉक करो और यहां से चले जाओ.” आगे बढ़ते हुए उन्होंने बताया कि, इस सीन से पहले दिलजीत काफी सीरियस थे, हम दोनों ने 5 मिनट तक बात की और मैंने उनको बताया कि, उन्हें आखिर क्या महसूस करना है और मैंने उनसे कहा कि इस सीन को तुम्हें, तुमसे बेहतर कोई नहीं समझा सकता है. मैं इस सीन के लिए तुम्हें सिर्फ थोड़ी सी मोटिवेशन दे सकता हूं. लेकिन इसके लिए मैं तुम्हें डायरेक्ट नहीं करना चाहता हूं.

ये तुम्हारा सीन है और तुम्हें ही इसे जीना है. इस सीन में दिलजीत ने जो भी किया है वह सभी उसी का है. इस सीन के विषय में बात करते हुए मैं काफी इमोशनल भी महसूस कर रहा हूं. सीन की शूटिंग के दौरान वहां पर 5 से 6 लोग मौजूद थे लेकिन वो सभी इसे देख नहीं पा रहे थे वो सभी नीचे देख रहे थे और उन सभी की आंखों में आंसू थे, क्योंकि ये कुछ ऐसा था जिसे आप सिर्फ महसूस कर सकते हैं”

दिलजीत दोसांझ और अली अब्बास जफर की इस फिल्म (Jogi) को दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है और सभी जमकर इसकी तारीफ कर रहे हैं.

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Story Author: Sarthak Jain



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