#MeToo: आखिरकार अमिताभ बच्चन ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘No Means No’

अमिताभ बच्चन ने अपने जन्मदिन के मौके पर महिला सुरक्षा को लेकर कहा कि...

इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 76 वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर अमिताभ बच्चन ने महिला सुरक्षा को लेकर चुप्पी तोड़ी है। फिल्म ‘पिंक’ (PINK) में No Means No… बोलकर बिग बी ने दिल जीत लिया था। लेकिन असल जिंदगी में रेप और यौन शोषण जैसी घटनाओं पर चुप्पी साधे रहे। इसके बाद अमिताभ बच्चन को आलोचकों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी ट्रोल होना पड़ा। अब अपने जन्मदिन के मौके पर महिला सुरक्षा के बारे में बोल कर इन्होंने फैंस का दिल जीत लिया है।

जानकारी के मुताबिक, अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू के दौरान महिला सुरक्षा को लेकर अपनी बात रखी है। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार, अपमान नहीं होना चाहिए। खासकर ऑफिस या कार्यस्थल पर। ऐसे कृत्यों को तुरंत संबंधित अधिकारियों की जानकारी में लाना चाहिए। लिखित शिकायत दर्ज करने या कानून का सहारा लेना चाहिए। साथ ही साथ शोषण के खिलाफ त्वरित और सटीक रास्ते अपनानें चाहिए। अनुशासन, जागरूक नागरिक और नैतिकता प्रारंभिक स्तर पर अपनाया जाना चाहिए।’

सुरक्षा करने में सक्षम नहीं…
आगे उन्होंने कहा, ‘महिला और हमारे समाज का कमजोर वर्ग सबसे असहाय है। उनकी देखभाल विशेष सुरक्षात्मक ढंग से होनी चाहिए। हमारे देश में ज्यादातर व्यवसायों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व देखने को मिल रहे हैं। यह सबसे ज्यादा उत्साहजनक है। यह उनके स्वागत के योग्य है। लेकिन हम उनकी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं हैं।’ अमिताभ बच्चन ने हमारे समाज और महिलाओं की स्थिति को लेकर अपनी राय रखी। इन्होंने कमजोरी और ताकत दोनों ही बिंदुओं पर बेबाक ढंग से राय रखी। इस जवाब की प्रतिक्षा हमारा समाज लंबे समय से कर रहा था।

तनुश्री पर बोले थे बिग बी
तनुश्री दत्ता ने जब नाना पाटेकर यौन शोषण का आरोप लगाया। इसके बाद तमाम बॉलीवुड हस्तियों से इस मुद्दे पर राय मांगी जा रही थी। फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ का ट्रेलर लॉन्च हो रहा था। इस मौके पर अमिताभ बच्चन और आमिर खान दोनों ही मौजूद थे। अमिताभ बच्चन से राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘ना मैं नाना पाटेकर हूं और ना ही तनुश्री दत्ता…’ यानी कि इस मुद्दे पर बोलने से बच निकले। इसी तरह आमिर खान ने भी कोई टिप्पणी नहीं की थी। इसके बाद लोग नाराज दिखे। इससे पहले भी कठुआ गैंगरेप जैसी घटनाओं पर भी वह बयान देने से बचते दिखे थे।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.