Amitabh Bachchan: वॉयस ओवर आर्टिस्ट से सदी का महानायक बनने तक का सफर, बिग बी क्यों हैं इस सम्मान के हकदार?

बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) को इस साल दादा साहेब फाल्‍के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से सम्‍मानित किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने इसपर खुशी जाहिर की है।

अमिताभ बच्चन। (फोटो- ट्विटर)

सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन (Amitabh Bachchan) को भारतीय सिनेमा से सबसे बड़े पुरस्कार दादा साहेब फाल्‍के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किए जाने का ऐलान हो चुका है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने बीते मंगलवार अमिताभ को बधाई देते हुए इसकी घोषणा की। केंद्र सरकार द्वारा यह ऐलान किए जाने के बाद देशभर से अमिताभ को बधाई मिल रही है। हिंदी सिनेमा को अपनी जिंदगी के पांच दशक देने वाले 76 वर्षीय महानायक का यहां तक का सफर तमाम उतार-चढ़ाव से होकर गुजरा है।

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर, 1942 को हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन और मां का नाम तेजी बच्चन है। अमिताभ बच्चन ने फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले बतौर वॉयस ओवर आर्टिस्ट भी काम किया था। उन्होंने मृणाल सेन की फिल्म भुवन शोम में अपनी आवाज दी थी। सत्यजीत रे की इकलौती हिंदी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में भी अमिताभ ने अपनी आवाज दी थी। साल 1969 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरूआत हुई थी और उसी साल ‘बिग बी’ ने ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म सात हिंदुस्तानी से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।

फिल्म जंजीर से पलटी थी किस्मत

अमिताभ बच्चन के फिल्मी करियर में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब एक के बाद एक उनकी दर्जनों फिल्में फ्लॉप साबित हुईं। इसके बावजूद नसीब अमिताभ के साथ था। सलीम खान और जावेद अख्तर द्वारा लिखी गई फिल्म जंजीर के लिए अमिताभ बच्चन को चुना गया और इस फिल्म ने उनकी किस्मत पलट दी। इस फिल्म से अमिताभ को ‘एंग्री यंगमैन’ की उपाधि मिली थी।

फिल्म कुली के सेट पर घायल हुए थे ‘बिग बी’

इसके बाद अमिताभ बच्चन ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रोमांटिक फिल्में हों या फिर गंभीर विषय पर आधरित फिल्में, अमिताभ ने हर फिल्म में अपने किरदार को इतनी खूबसूरती से निभाया कि वह दर्शकों को हर किरदार में भाने लगे। 2 अगस्त, 1982 का दिन अमिताभ की जिंदगी का वह दिन है, जिसे वह चाहकर भी भूल नहीं सकते हैं। कुली फिल्म के सेट पर पुनीत इस्सर ने एक फाइट सीन के दौरान ‘बिग बी’ के पेट में घूंसा मार दिया था।

फिल्म अग्निपथ के लिए मिला था पहला राष्ट्रीय पुरस्कार

घूंसा लगते ही अमिताभ बच्चन स्टील की मेज से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वह कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। पूरा देश उनके जल्द ठीक होने की कामना कर रहा था। इस चोट से उभरने को अमिताभ अपना दूसरा जीवन मानते हैं। साल 1990 में रिलीज हुई फिल्म अग्निपथ में अमिताभ के किरदार ‘विजय दीनानाथ चौहान’ को लोग आज भी खूब याद करते हैं। इस फिल्म के लिए महानायक को पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

‘बिग बी’ ने शुरू की थी अपनी कंपनी ‘एबीसीएल’

अमिताभ बच्चन ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (एबीसीएल) भी खोली थी, लेकिन भारी नुकसान के चलते इसे बंद करना पड़ा। साल 1996 में रिलीज हुई फिल्म तेरे मेरे सपने का निर्माण ‘एबीसीएल’ के बैनर तले ही हुआ था। आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे ‘बिग बी’ ने साल 2001 में मोहब्बतें फिल्म से वापसी की। इस फिल्म में शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय बच्चन भी अहम किरदार में थे।

पत्नी जया बच्चन के साथ दी हैं ज्यादातर सुपरहिट फिल्में

बहुत कम लोग इस बारे में जानते होंगे कि अमिताभ बच्चन ने ज्यादातर सुपरहिट फिल्में अपनी पत्नी जया बच्चन (Jaya Bachchan) के साथ ही दी हैं। अमिताभ को ‘ब्लैक’, ‘पा’ और ‘पीकू’ के लिए भी नेशनल फिल्म अवॉर्ड (बेस्ट एक्टर) से सम्मानित किया जा चुका है। अमिताभ को साल 1984 में ‘पद्मश्री’, 2001 में ‘पद्मभूषण’ और 2015 में ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। हिंदी रश डॉट कॉम की ओर से सदी के महानायक को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बहुत-बहुत बधाई।

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।