अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) यानी इस सदी के महानायक। अमिताभ बच्चन आज 76 साल के हो गए हैं। इस दौरान हम उनके यहां तक के फिल्मी सफर के खास डायलॉग (Dialogue) को याद करते हैं। अमिताभ बच्चन को मुकाल दिलाने में ये डायलॉग अहम रोल अदा किए।
इनके साथ ही अमिताभ बच्चन को लोकप्रिय अभिनेता की पहचान मिलने लगी। वैसे तो अपनी जादुई आवाज के लिए बिग बी पहचाने जाते हैं। इनकी आवाज हमारा दिल जीत लेती है। इनकी फिल्में कुली, नमक हलाल, डॉन, आनंद, कालिया, मोहब्बतें, शहंशाह, चुपके-चुपके ने लोगों का दिल जीता। हम इनके वैसे डायलॉग की चर्चा करेंगे जो कि हम नशे में या मजाकिया या गंभीर होने पर बोलते रहते हैं।
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि हम जब बोलते हैं, अंग्रेजी इज वेरी फनी लैंग्वेज, दारू पीने से लीवर खराब हो जाएगा, डॉन को पकड़ना मुश्किल नहीं ना मुमकिन है, हमें कोई कैद कर सके ऐसी कोई जंजीर नहीं बनी…ऐसे तमाम डायलॉग हम दोस्तों के बीच मारते रहते हैं। लेकिन ये वो डायलॉग हैं जिनके कारण अमिताभ बच्चन को पहचान मिली। इनके आवाज की कशिश और आम आदम की जिंदगी से जुड़ती लाइनों ने असल जिंदगी में लोगों को जोड़ने का काम किया। यही कारण है कि हम मौका मिलने पर इन डायलॉग को बोलने से नहीं चूकते।
नमक हलाल
फिल्म नमक हलाल का डायलॉग ‘I can talk English, I can walk English… Because English is very funny language’ अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम कम अंग्रेजी बोलने वाले और जानने वाले कैसे इसका प्रयोग करते हैं। जब भी मौका मिलता है इसको बोलकर अपनी वाहवाही करा लेते हैं।
T 2957 – मेरे चाहने वालों को समर्पित
'इन चमकती रोशनियों के तले , चमकता हूँ मैं भी ;
इस चमक दमक के हिस्से दार तुम ही तो हो भी '~ pic.twitter.com/XHMdUnJWGC— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) October 9, 2018
डॉन
शाहरूख खान के डॉन से पहले अमिताभ बच्चन ने डॉन फिल्म की थी। इसी फिल्म का डायलॉग है ‘डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है। डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।’ शाहरूख खान वाली डॉन में भी ये डायलॉग खूब चर्चा में रही। यदि आप नहीं जानते हैं तो जान लें कि असल में यह डायलॉग हमारे महानायक बिग बी का है।
T 2958 – To all that have wished me .. to all that have sent greetings .. to all that have kept with me all along .. to all that have the gift of giving me longevity .. to all with my LOVE 🙏🙏🤗🤗🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 pic.twitter.com/jFeXfMdQqu
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) October 10, 2018
कालिया
एक और डायलॉग है ‘जहां से हम खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है’ ये लाइनें भी हमें हर जगह सुनने को मिलती है। अमिताभ बच्चन ने अपनी शुरुआती सफर में ही ऐसे डायलॉग बोले कि सुनने वालों का दीवाना होना तो तय था। वैसे ये डायलॉग हमें आज भी याद है और हम अक्सर बोलते रहते हैं।
आनंद
यहां पर अमिताभ बच्चन ने दर्शकों को रुला दिया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथी कलाकार राजेश खन्ना की मौत हो जाती है। इसके बाद वह अस्पताल में राजेश खन्ना को झकझोरते हुए बोलते हैं, ‘मैं तुम्हें इतना खामोश नहीं होने दूंगा। मैंने छह माह तक तुम्हारी बक बक सुनी है।’ फिर रोने लगते हैं। आज भी इस सीन को देखने के बाद रोना आ जाता है।
अमर अकबर एन्थोनी
अमर अकबर एन्थोनी ये फिल्म तो वाकई में कमाल की थी। इसमें एक डायलॉग अमिताभ बच्चन का सबसे लोकप्रिय रहा। जब वह एक भागते हुए चोर को लंगड़ी मारकर गिरा देते हैं और बिंदाश हो कर बोलते हैं, ‘ऐसे तो आदमी दो वक्त ही भागता है, जब ओलंपिक का रेस हो या पुलिस का केस…’ ये वाकई में मजेदार डायलॉग लगता है।
देखें वीडियो…