आम्रपाली दुबे ने दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ से धुलवाए बर्तन और की गुदगुदाने वाली हरकत

दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' और आम्रपाली दुबे की जोड़ी तो धमाल मचा दिया है। अभी इनके कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें कि दोनों बहुत ही मस्ती करते दिख रहे हैं।

भोजपुरी के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे की जोड़ी तो धमाल मचा दिया है। भोजपुरी सिनेमा में दोनों की जोड़ी ने कमाल कर रखा है। अभी इनके कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें कि दोनों बहुत ही मस्ती करते दिख रहे हैं। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि दोनों भविष्य की प्लानिंग कर रहे हैं। एक तरफ आम्रपाली दुबे हॉट दिख रही हैं तो वहीं, निरहुआ भी कम नहीं हैं। दोनों पति-पत्नी की तरह वीडियो में मजाक करते दिख रहे हैं। निरहुआ को तो बर्तन तक धोना पड़ा। अब दो लग रहा है कि भोजपुरी के दो सुपरस्टार का संगम हो जाएगा। वैसे ये सारे वीडियो मजेदार हैं।

भोजपुरी की सबसे महंगी अदाकारा आम्रपाली दुबे ने सारे वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए हैं। पहले वीडियो में आम्रपाली दुबे सर पर पगड़ी बांधी हैं और दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को ‘माल रे माल रे…’ कह कर बुला रही हैं। इतना ही नहीं वो दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को धक्का मारते दिख रही हैं। दूसरे वीडियो में आम्रपाली भोजपुरी में कहती हैं कि दहेज देकर खरीदी हूं तुमको सजन। तो वहीं दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को बर्तन आदि भी धोना पड़ रहा है। वीडियो में ये भी दिख रहा है कि दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ आम्रपाली दुबे से चिपके हैं।

निरहुआ और आम्रपाली की जोड़ी
इन दोनों की जोड़ी ने तो यूपी-बिहार क्या हर जिला-जवार में धमाल मचा दिया है। निरहुआ के साथ इनकी जोड़ी ने खूब कमाई की है। अब निरहुआ जिसको एक बार नचा दिए वो तो फिर नॉन स्टॉप नाचते रहता है। वैसे निरहुआ का एक पॉपुलर गाना है- ‘निरहुआ सटल रहे…’ बस उसी तरह दोनों सटे हुए हैं। इसलिए निरहू जिससे सटते हैं फिर हटते नहीं। आम्रपाली दुबे की कमर और उमड़ती जवानी की कसक ने भोजपुरी सिनेमा को बहुत कुछ दिया है। आम्रपाली भोजपुरी की पहली ऐसी हिरोईन हैं जिनको 7-9 लाख रुपए एक फिल्म के लिए मिलते हैं। अभी तो ये टॉप लेवल पर चल रही हैं यानी जिला टॉप नहीं पूरा यूपी-बिहार में टॉप। केवल कमाई में नहीं इंटरनेट पर भी धूम मचा रही हैं।

अब यहां देखिए निरहुआ और आम्रपाली के वीडियो

आम्रपाली के लाइफ की खास बातें, देखिए इस वीडियो में…

 

रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.