Anek Movie Review: ‘देशभक्ति और पूर्वोत्तर की समस्याओं पर बनी है ‘अनेक’, फिल्म में है दम

आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) हर बार लीक से अलग हटकर ही फिल्मों का चयन करते हैं। फिल्म के जरिए वह हर बार एक ऐसा मुद्दा उठाते हैं जो ऑडियंस के दिलो-दिमाग पर असर करती है। यही वजह है कि उनकी फिल्म 'अनेक' का भी ऑडियंस के बीच काफी बज है। शुक्रवार को ये फिल्म रिलीज हो गई है।

Anek Movie Review: आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) हर बार लीक से अलग हटकर ही फिल्मों का चयन करते हैं। फिल्म के जरिए वह हर बार एक ऐसा मुद्दा उठाते हैं जो ऑडियंस के दिलो-दिमाग पर असर करती है। यही वजह है कि उनकी फिल्म ‘अनेक’ का भी ऑडियंस के बीच काफी बज है। शुक्रवार को ये फिल्म रिलीज हो गई है। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना एक अंडरकवर कॉप की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

कास्ट: आयुष्मान खुराना, एंड्रिया केवीचुसा, लोइतोंगबम डोरेन्द्र सिंह, कुमुद मिश्रा, मनोज पाहवा आदि

निर्देशक: अनुभव सिन्हा

स्टार रेटिंग: 3.5

कहां देख सकते हैं: थिएटर्स में

आयुष्मान की फिल्म ‘अनेक’ की कहानी की बात करें तो इसकी शूटिंग नॉर्थ-ईस्ट के क्षेत्रों में की गई है। अनेक का ट्रेलर दर्शकों को काफी पसंद आया था, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि ये फिल्म भी लोगों को काफी पसंद आएगी और बॉक्स ऑफिस पर अच्छी खासी कमाई कर सकती है।

पूर्वोत्तर को बनाया कहानी का आधार

फिल्म की कहानी की बात की जाए तो ये पूर्वोत्तर राज्यों में से किसी एक की है। फिल्म को डायरेक्टर ने पूरे पूर्वोत्तर को लेकर बनाया है! एक अंडर कवर ऑफिसर अमन (आयुष्मान खुराना) है, जो वहां जोशुआ के रूप में काम करता है, एक ऐसा उग्रवादी जॉनसन डमी के रूप में वह भी खड़ा करता है, जो अन्य अलगाववादी उग्रवादियों की तरह उस राज्य को भारत से अलग राज्य बनाना चाहता है। भारत सरकार के साथ पूर्वोत्तर में अलगाववादियों के सबसे बड़े नेता सांगा (डोरेन्द्र) से शांति समझौते की बाधाएं हटाने में उसके हिसाब से ये तरीका काम आएगा।

फिल्म में दूसरी तरफ एक एडो (एंड्रिया केवीचुसा) नाम की लड़की है। ये लड़की बॉक्सिंग में भारतीय टीम के लिए खेलना का सपना देखती है, लेकिन उसके साथ भेदभाव होता है। जबकि उसका अलगाववादी पिता वांगनाओ जॉनसन के नाम से ही एक नया उग्रवादी संगठन खड़ा कर देता है। वहीं इधर अमन का बॉस अबरार (मनोज पाहवा) सांगा को सत्ता पक्ष से मिलकर चुनाव लड़ने, मुख्यमंत्री बनने जैसे लालच देकर शांति समझौता करना चाहता है। इसी के साथ ही सरकार के एक मंत्री कुमुद मिश्रा राज्य के इस केस को सरकार की ओर से अबरार के साथ मिलकर देखते हैं। उसमें रोड़ा बन जाता है दूसरा जॉनसन यानी उस बॉक्सर लड़की एडो का पिता।

इतना ही नहीं फिल्म में अमन का बागी रूप भी देखने लायक है। पूर्वोत्तर के ज्यादातर किरदार वायरल वीडियोज वाले कश्मीरियों की तरह बात करते दिखाई देते हैं। खुद को भारतीय मानते ही नहीं हैं। अमन भी उनकी ही तरफदारी लेता नजर आता है। अबरार को भी लगता है कि अमन पर भरोसा ठीक नहीं है, तो वह एक और ऑफिसर भेजकर जॉनसन बने उस लड़की के पिता पर हमला करवा देता है। बाद में अमन अपना रुख साफ करता है कि या तो जॉनसन और सांगा दोनों से शांति समझौता करो या फिर दोनों को जेल भेजो क्योंकि सांगा भी ड्रग्स, हथियारों का धंधा करता है।

फिल्म की सबसे खास हैं आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) के तेवर, वो शानदार हैं। आयुष्मान एंग्री यंगमैन की भूमिका में नजर आ रहे हैं। उनका किरदार अंत में हथियार डालता ही दिखाई देता है, बस एक ही मामले में जीतता है कि एनकाउंटर के बजाय गिरफ्तार करवाओ।

फिल्म में सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों को बहुत ही शानदार तरीके से निभाया है। दूसरी तरफ अनुभव सिन्हा एक बार फिर से अपने निर्देशन की छाप छोड़ने में सफल रहे हैं।

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lakhantiwari :मेरा नाम लखन तिवारी है और मैं एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के रूप में पिछले 6 वर्षों से काम कर रहा हूं. एंटरटेनमेंट की खबरों से खास लगाव है. बॉलीवुड की खबरें पढ़ना और लिखना दोनों ही पसंद है.