ओडिशा का अंशुमन यूं पहुंचा हांगकांग, दे रहा है टीम इंडिया को टक्कर

महज बीस साल की उम्र अंशुमन रथ हांगकांग क्रिकेट टीम का कप्तान बन गया है, एशिया कप में अब भारत के साथ टक्कर

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ओडिशा का अंशुमन यूं पहुंचा हांगकांग, दे रहा है टीम इंडिया को टक्कर

भारतीय खिलाड़ी का इंटरनेशल टीम में होना कोई अचंभा की बात नहीं है। इंग्लैंड से लेकर तमाम देशों में भारतीय मूल के खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन कर शीर्ष स्थान पर बने हैं। इसी बीच एशिया कप के दौरान एक नया चेहरा अंशुमन रथ का है जो कि भारत के ओडिशा के रहने वाले हैं। महज 20 साल की उम्र में हांगकांग क्रिकेट टीम के कप्तान बन चुके हैं। एशिया कप में भारत के खिलाफ खेलेंगे।

अंशुमन रथ बेहतर खेल के कारण चर्चा में बने हैं। इनके खेल को देखकर हर कोई प्रभावित हो जाता है। यही कारण है कि इतनी कम उम्र में कप्तानी मिली है। अपने दम पर एशिया कप में टीम को 6वें पायदान पर पहुंचा दिया है। इनका मानना है कि इस टूर्नामेंट में ये बेहतर खेल का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही इनकी टीम नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।

क्यों छोड़ दिया वतन
अपना मुल्क कोई यूं ही नहीं छोड़ देता है। कुछ ना कुछ मजबूरियां रहती हैं या कोई खास कारण होता है जिसके कारण देश छोड़ना होता है। फिलहाल इनके इंटरव्यू में दिए गए बयान के जरिए पता चलता है कि 1990 में पिताजी के बिजनेस के कारण ये लोग हांगकांग शिफ्ट कर गए। आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए इनका परिवार देश छोड़ दिया।

वतन से प्यार बेशुमार…
वतन छोड़ने का मतलब ऐसा नहीं है कि इनको यहां से लगाव नहीं है। बल्कि इंटरव्यू में अंशुमन के दिल में भारत के लिए प्यार दिखता है। साथ ही ओड़िया शब्द की मिठास भी मिलती है और इनका परिवार हर साल ओड़िशा आते रहता है। अंशुमन तो साफ तौर पर कहते हैं कि कहीं भी चले जाएं लेकिन देश के लिए प्यार और सम्मान सदैव बरकरार रहेगा।

क्रिकेट की लग्न
वैसे अंशुमन तो काफी कम समय में ही खुद को साबित कर दिए हैं कि वे क्रिकेट में क्या स्थान रखते हैं। महज बीस साल की उम्र में कप्तान बन चुके हैं। उनके विकेटकीपिंग के कारण उनको हांगकांग का धोनी भी कहते हैं। लेकिन ये सपना उनके पिता ने सात साल की उम्र में बैट बॉल देकर दिखाया और 2003 में सचिन तेंदुलकर को खलेता देख उनको ऊर्जा मिली।

ओडिशा के मूल निवासी
भारत के ओडिशा राज्य के रहने वाले अंशुमन का घर राजधानी भुवनेश्वर के सत्यानगर में है जहां पर वे लोग अभी भी आना जाना करते हैं। साथ ही अंशुमन ने पढाई लिखाई भी विदेशों में की है। इसके बावजूद भी अंशुमन रथ के मन में देश की मिट्टी की महक भरी है। इनका मन वतन लौटने को है।

अंशुमन की कप्तानी
अंशुमन ने अब तक अपनी टीम के लिए कुल 16 वनडे मैच खेले हैं और इसमें उन्होंने 52.57 की औसत से 736 रन बनाए हैं। उनके नाम पर एक शतक भी है और वनडे में उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 143 रन है। हांगकांग की टीम ने आखिरी बार एशिया कप में वर्ष 2008 में हिस्सा लिया था। फिर उसके बाद अंशुमन की कप्तानी में वापसी किया है।

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Story Author: रवि गुप्ता

पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.

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