विवादों में घिरी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर‘ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका निभा रहे अनुपम खेर अलोचनाओं और विरोधों का जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि सिनेमा और राजनीति को अलग नहीं किया जा सकता, दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर गई।
अनुपम खेर ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को कहा,’ जब ऑडियंस फिल्म देखने थियेटर जाती है तो वे मूवी लवर्स हैं और सिनेमा देखने वाले हैं। वे सिनेमा हॉल में एक वोटर की तरह नहीं जाते। लेकिन जब वे फिल्म देखकर निकलेंगे तो उनके दिमाग पर जो असर होगा, वो दर्शाता है कि सिनेमा और राजनीति को अलग नहीं किया जा सकता। क्योंकि दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।’
वीडियो में देखिए अनुपम खेर की अपील…
अनुपम खेर ने कहा,’ एक फिल्ममेकर या एक्टर लोगों को किसी राजनीतिक पार्टी को वोट देने के लिए नहीं मना सकता। कुछ वोटर्स पार्टी भक्त (एक ही पार्टी के लिए वफादार) होते हैं, कुछ वोटर्स अच्छे और बुरे लिस्ट बनाकर एक पार्टी और सरकार को चुनते हैं। एक फिल्म उसमें क्या दे रही हैं?’
अनुपम खेर ने कहा कि फिल्म एक साधारण व्यक्ति है जो एक मीडिल क्लास परिवार में पैदा हुआ और उसकी मेरिट और बौद्धिकता ने उसे देश का प्रधानमंत्री बनाया। इससे पहले उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी आपको आपके सफर के लिए आभार। इतिहास कांग्रेस नेता को गलत नहीं समझेगा।
आपको बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानि यूपीए का नेतृत्व किया। कहा जाता है मनमोहन सिंह बहुत ही कम बोलते थे। यूपीए 2 के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों ने कांग्रेस और मनमोहन सिंह हरा दिया। माना जा रहा है फिल्म इन्हीं घोटालों और उनके मजबूरियों को दिखाया गया है। फिल्म में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। खैर, यह फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा कि मनमोहन सिंह वाकई मौनमोहन सिंह थे।
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देखिए अनुपम खेर की तस्वीरें…