नसीरुद्दीन शाह को अनुपम खेर का करारा जवाब, कहा- सेना पर पत्थरबाजी से ज्यादा और कितनी आजादी चाहिए?

अभिनेता अनुपम खेर (Anupam Kher) ने नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) के बयान पर जवाब देते हुए उनसे कुछ सवाल पूछे हैं। खेर ने पूछा कि हमारे देश में एक आदमी सेना को गाली दे सकता है, इससे ज्यादा और कितनी आजादी चाहिए?

अनुपम खेर ने वाराणसी में नसीरुद्दीन शाह के बयान का जवाब दिया।

बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने पहले विराट कोहली (Virat Kohli) पर बयानबाजी की, इसके बाद उन्होंने देश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। अभिनेता को जवाब देने के लिए अभिनेता अनुपम खेर (Anupam Kher) ही सामने आए हैं। उन्होंने नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) से पूछा कि इस देश में एक आम आदमी सेना को गाली दे सकता है, इससे ज्यादा और कितनी आजादी चाहिए?

अनुपम खेर (Anupam Kher) शनिवार शाम बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे। दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘देश में बहुत आजादी है। यहां आप सेना को गाली दे सकते हैं, सेना पर पत्थर फेंक सकते हैं। यहां तो लोग सेना से लेकर एयर चीफ को भी गाली दे सकते हैं। आपको एक देश में और कितनी ज्यादा आजादी चाहिए। उन्होंने कहा कि वो (नसीरुद्दीन शाह) ऐसा महसूस करते है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ये सच्चाई है. उनको जो जी में आए बोलने दीजिए, उनकी सोच आजाद है, लेकिन ये जरूरी नहीं की वो सच हो।’

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अनुपम खेर (Anupam Kher) बाबा के दर्शन के बाद मीडिया से मुखातिब हुए, जिसके बाद वह गर्भगृह से बाहर निकले और पूरे परिसर को ध्यान से देखने लगे। उन्होंने कहा कि काशी ही नहीं बल्कि पूरे देश का विकास हो रहा है। खेर ने फिल्म इंडस्ट्री को जीएसटी में मिलने वाली राहत पर भी खुशी जताई। उन्होंने कहा, ‘आज हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में 100 रुपए के टिकट पर लगने वाला टैक्स 18 से 12 और 28 से 18 कर दिया गया है। ये फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ी बात और बड़ा दिन है।’

केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अभिनेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को कहा था, ‘देश के डीएनए में सहिष्णुता होने की वजह से नसीरुद्दीन शाह के बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है। सहिष्णुता और भाईचारा हमारे देश के डीएनए में है। मैं समझता हूं कि उनकी भावनाएं सही हो सकती हैं लेकिन उनके शब्दों का संभवत: गलत मतलब निकाला गया और तिल का ताड़ बनाया गया। उनको बच्चों को डरने की जरूरत नहीं है। देश संविधान के आधार पर आगे बढ़ रहा है। एक लोकतांत्रिक देश में किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है।’

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राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।