अनुराग कश्यप के खिलाफ सीबीआई ने शुरू की जांच, आर्थिक अनियमितता का लगा है आरोप

अनुराग कश्यप, दिबाकर बनर्जी, नेशनल फिल्न डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, सन टीवी, यूएफओो मूवीज सहित अन्य के खिलाफ जांच शुरू कर दी है...

सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामलों में फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap), दिबाकर बनर्जी, नेशनल फिल्न डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, सन टीवी, यूएफओो मूवीज सहित अन्य कंपनियो के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की यह जांच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की शिकायत के बाद शुरू की गई है।

अनुराग कश्यप और कुछ फिल्मकारों का मानदंड़ो का उल्लंघन करने का आरोप है। फिल्म कंपनियों पर अनुराग कश्यप और दिबाकर समेत कुछ फिल्मकारों को ज्यादा पेमेंट देने का आरोप है। हालांकि इन आरोपों के बाद अनुराग कशयप ने इन सारी खबरों को झूठा बताया है। उन्होंने कहा था कि उन्हें आर्थिक गड़बड़ियो से जुड़ा अभी तक कोई भी लेटर नहीं मिला है। अनुराग कश्यप को उनकी फिल्म ‘द गर्ल इन येलो बूट्स’ के लिए 62 लाख रुपये ज्यादा दिए गए।

बताते चलें कि सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने 23 अक्टूबर को एनडीएफसी के डायरेक्टर को लेटर लिखा था जिसमें वित्तीय अनियमित्ता के मामले में संस्थान के अज्ञात अधिकारियों के अलावा, सन टीवी, यूएफओ मूवीज, अनुराग कश्यप फिल्म और दूसरे अज्ञात आदमी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

प्रोडक्शन हाउस भी खत्म
बॉलीवुड के फिल्म निर्माता व निर्देशक अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने (vikramaditya motwane), मधु मेंटेना (madhu mantena) और विकास बहल (Vikas Bahl) ने मिलकर फैंटम फिल्म प्रोडक्शन हाउस (Phantom films) का निर्माण किया था। अनुराग कश्यप ने बड़े ही अरमान के साथ इसे मिलकर बनाया और यह उनका गौरवशाली सपना था। इस हाउस से साल 2011 में शुरू किया गया था। इस बैनर के तहत ‘लुटेरा’ (Lootera), ‘मुक्केबाज’(mukkabaaz), ‘क्वीन’, ‘अग्ली’, ‘एनएच 10’, ‘बॉम्बे वेलवेट’, ‘मसान’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘रमन राघव 2.0’ और ‘ट्रैप्ड’ जैसी चर्चित और हिट फिल्में बनीं। फिल्म निर्माता व निर्देशक अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने, मधु मेंटेना और विकास बहल ने मिलकर एक नई मिसाल कायम की लेकिन मी टू के बाद इनकी पार्टनरशीप खत्म हो गई। ये चारों अच्छे दोस्त माने जाते थे।

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कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।