आशा भोंसले बर्थडे: मज़बूरी में शुरू किया था गाना, आज उनकी आवाज़ के है सब दीवाने, देखिये टॉप 10 गाने

आशा भोसले के इन गानो को सुन चढ़ जायेगी मदहोशी, यहाँ सुनिए ये 10 सदाबहार गानें

आशा भोसले के इन गानो को सुन चढ़ जायेगी मदहोशी, यहाँ सुनिए ये 10 सदाबहार गानें

आज बॉलीवुड को सबसे सदाबहार आवाज़ देने वाली आशा भोंसले अपना जन्मदिन मना रही हैं| उनका जन्म 8 सितम्बर 1933 को महाराष्ट्र के ‘सांगली’ में हुआ। इनके पिता दीनानाथ मंगेसकर प्रसिद्ध गायक और एक्टर थे| उन्होंने अपनी बेटियों कोई काफी छोटी उम्र में ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी थी| लेकिन अभी आशा जी जब सिर्फ 9 साल की थीं तभी इनके पिता का देहांत हो गया | पिता के मरणोपरांत, इनका परिवार पुणे से कोल्हापुर और उसके बाद बम्बई में आकर बस गया| अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिए आशा और उनकी बड़ी बहन लता मंगेसकर ने गाना शुरू कर दिया| आशा भोसले ने 14 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाये हैं जिनमें- मराठी, आसामी, हिन्दी, उर्दू, तेलगू, मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, अंग्रेजी, रशियन, जाइच, नेपाली, मलय और मलयालम जैसी भाषाएं शामिल हैं| आशा भोसले ने अबतक 12000 से भी अधिक गानों को अपनी आवाज़ दी है|

आशा भोसले को पूरा देश आशा ताई के नाम से जानता है| उनकी आवाज़ में ऐसी मदहोशी है जो आपको अपना दीवाना बना देगी| आइये जानते हैं आशा भोसले के कुछ ऐसे ही टॉप 10 गानो के बारे में-

तू है वही…

परदे में रहने दो…

पिया तू अब तो आजा…

हरे राम हरे कृष्णा…

ये मेरा दिल प्यार का दीवाना…

उड़े जब-जब जुल्फें तेरी…

अजनबी मुझको इतना बता…

एक परदेसी मेरा दिल ले गया…

जरा सा झूम लूं मैं…

चुरा लिया है तुमने…

आशा भोसले के फेमस गानों में 1969-“परदे मे रहने दो…”(शिखर-* 1968),1972- “पिया तु अब तो आजा…”(कारवाँ-* 1971), 1973-“दम मारो दम…”(हरे रामा हरे कृष्णा-* 1972), 1974-“होने लगी है रात…”(नैना-* 1973), 1975-“चैन से हमको कभी…”(प्राण जाये पर वचन न जाए-* 1974), 1979-”ये मेरा दिल…(डॉन) जैसे गाने बहुत ही फेमस हुए थे जिसके लिए उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले थे|

बता दें आशा ताई को अब तक फिल्मफेयर अवार्ड में 7 बेस्ट फिमेल प्लेबैक अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है| इसके अलावा उन्हें दो बार नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है| आशा भोंसले को 2008 में तत्‍कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित भी किया गया था|

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।