Thackeray Trailer Review: दमदार एक्टिंग, बेहतर डायलॉग, नवाजुद्दीन में दिखा बाल ठाकरे का अक्स

शिवसेना (Shivsena) के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के जीवन पर आधारित फिल्म 'ठाकरे' (Thackeray) का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। बाल केशव ठाकरे (Bal Keshav Thackeray) के रोल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) जंच रहे हैं।

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Thackeray Trailer Review: दमदार एक्टिंग, बेहतर डायलॉग, नवाजुद्दीन में दिखा बाल ठाकरे का अक्स
'ठाकरे' फिल्म मराठी और हिंदी भाषा में 25 जनवरी, 2019 को रिलीज हो रही है।

शिवसेना (Shivsena) के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के जीवन पर आधारित फिल्म ‘ठाकरे’ (Thackeray) का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। बाल केशव ठाकरे (Bal Keshav Thackeray) के रोल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) जंच रहे हैं। दरअसल नवाजुद्दीन के बालासाहेब की शख्सियत के विशाल व्यक्तित्व में ढलने में उनकी कद-काठी ने बड़ा रोल अदा किया है। यही वजह रही है कि अभिनेता की संवाद शैली हो या व्यंग्यात्मक टिप्पणी, पूरे ट्रेलर में हमें नवाजुद्दीन में बालासाहेब का अक्स देखने को मिला है।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) खुद इस बात को कई बार कह चुके हैं कि इस ‘ठाकरे’ (Thackeray) फिल्म में बालासाहेब का रोल निभाना उनकी जिंदगी का सबसे मुश्किल काम था। यानी साफ है कि अभिनेता ने इस फिल्म में अपना 100 परसेंट दिया है और उनकी एक्टिंग, बेहतरीन डायलॉग्स नवाजुद्दीन के अभिनय की क्षमता को करीने से बड़े पर्दे पर दिखाते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि यह फिल्म नवाजुद्दीन के करियर में मील का पत्थर साबित होगी।

देखें फिल्म का ट्रेलर…

‘मुझे बॉम्बे शांत चाहिए’

‘मुझे बॉम्बे शांत चाहिए..’ इस डायलॉग के साथ ‘ठाकरे’ (Thackeray) फिल्म का ट्रेलर शुरू होता है, लेकिन ट्रेलर के पहले सेकेंड से ही बॉम्बे अशांत नजर आता है। दुकानों के शटर गिरने लगते हैं मानो कोई प्रलय आने को है। हर ओर अफरातफरी मची हुई है, लोग चीखते-चिल्लाते हुए इधर-उधर भाग रहे हैं। एक बच्चा अपनी मां की ओर इशारा कर रो रहा होता है और तभी उसके पास आकर गिरता है बोतलनुमा पेट्रोल बम। दंगों की मुख्य पहचान आगजनी, मार-काट के दृश्यों से शुरू हो रहे फिल्म के ट्रेलर को देखकर आप आगे की कहानी का अंदाजा लगा ही रहे होते हैं कि आपके सामने दमदार एंट्री लेते हैं फिल्म के नायक बाल केशव ठाकरे उर्फ बालासाहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) यानी नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui)।

‘मराठी’ और ‘हिंदुत्व’ रहे बालासाहेब की पहचान

वही वेशभूषा, वही हावभाव लेकिन थोड़ा ज्यादा ही एनर्जी के साथ परोसा गया थोड़ा तल्ख और थोड़ा व्यंग्यपूर्ण रवैया बालासाहेब के किरदार को बहुत हल्का कर देता है। हालांकि ‘भीख मांगने से अच्छा है, गुंडा बनके अपना हक छीनना।’ ‘जनता का काम करने के लिए जनता के बीच जाना होगा।’ सरीखे डायलॉग्स ठाकरे के किरदार में नवाजुद्दीन को प्रभावशाली दिखाते हैं। जैसा कि जगजाहिर है कि बालासाहेब ठाकरे ने ‘मराठियों’ और ‘हिंदुत्व’ को आगे रख अपना आंदोलन शुरू किया था और फिर देखते ही देखते उनके साथ हजारो-लाखों लोग जुड़ते चले गए और फिर जन्म लेता है वो ठाकरे जिसकी एक आवाज तब के बॉम्बे को ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र के पहिए थामने के लिए काफी थी।

1966 में हुआ था ‘शिवसेना’ का गठन

फिल्म के ट्रेलर में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), मोरारजी देसाई (Morarji Desai) का भी चित्रण किया गया है। 1960 के करीब पत्रकार ठाकरे की ‘मार्मिक’ मैगजीन से जुड़े दृश्य बतलाते हैं कि उनकी ताकत बढ़ाने में इस मैगजीन का कितना बड़ा हाथ था। 1966 में ‘शिवसेना’ (Shivsena) पार्टी के गठन के बाद महाराष्ट्र में ठाकरे की बढ़ती असली ताकत कोई और नहीं बल्कि जनता थी। ट्रेलर में दिखाया गया है कि 60-70 के दशक के हुक्मरानों को भी बालासाहेब की ताकत का अहसास हो चला था और इस बात का अहसास आपको उस सीन में हो जाएगा जब एक जगह पर भारत के तत्कालीन गृहमंत्री मोरराजी देसाई (Morarji Desai) कहते हैं, ‘ये ठाकरे होता कौन है मुझ पर रोक लगाने वाला।’

तंज कसने में माहिर थे बालासाहेब ठाकरे

ट्रेलर में 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाने (अयोध्या कांड) के मामले में बालासाहेब से कोर्टरूम में सवाल-जवाब का दृश्य ठाकरे के चुटीले मजाकिया अंदाज को भी दिखाता है। जनता की अदालत को मानने वाले ठाकरे का एक रूप मुंबई में हुए दंगे के दौरान का भी दिखाया गया है। ट्रेलर के अंत में पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद (Javed Miandad) और बालासाहेब का एक संवाद भी दिखाया गया है। दरअसल अतीत में भी एक वक्त ऐसा रहा था जब भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच बंद हो गए थे। पाकिस्तानी खिलाड़ी का बालासाहेब से दोनों देशों के बीच फिर से मैच कराने की गुहार लगाना आपको देश में ठाकरे की एक मजबूत शख्सियत के पहलू से वाकिफ कराता है।

‘ठाकरे’ अगले साल 25 जनवरी को रिलीज होगी

फिल्म में अभिनेत्री अमृता राव (Amrita Rao) भी अहम किरदार में हैं और ट्रेलर में उनकी झलकियों से ज्यादा वह कहीं दिखाई नहीं दी हैं। बताते चलें कि ‘ठाकरे’ (Thackeray) फिल्म अगले साल 25 जनवरी को रिलीज होगी। फिल्म हिंदी और मराठी भाषा में रिलीज की जाएगी। बताया जा रहा है कि सेंसर बोर्ड ने कुछ सीन्स और डायलॉग्स को लेकर मेकर्स के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। हालांकि फिल्म के प्रोड्यूसर और राइटर शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) फिल्म में किसी भी तरह की काट-छांट बर्दाश्त करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को दावे से कहा कि बालासाहेब के जीवन आधारित इस फिल्म को बगैर किसी कट्स के रिलीज किया जाएगा।

देखें बालासाहेब ठाकरे के बारे में क्या बोले संजय दत्त…

देखें नवाजुद्दीन सिद्दीकी की तस्वीरें…

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Ye Ladki mere ' रोम रोम में ' hai

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Story Author: राहुल सिंह

उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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