VIDEO: पटाखा पर बैन लगा तो खेसारी लाल यादव बीवी के साथ नहीं करेंगे ये काम! गाना से मचा धमाल

खेसारी लाल यादव ने दिवाली पर गाना गाकर धमाल मचा दिया है। खेसारी लाल यादव का गाना 'पटाखा पर छापा' गाकर सबके दिल की बात कही है।

भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) ने दिवाली पर गाना गाकर धमाल मचा दिया है। सरकार हर साल पटाखा पर बैन लगा देती है। इस बात पर खेसारी लाल यादव ने एक शानदार गाना गाया है। खेसारी लाल यादव का गाना ‘पटाखा पर छापा’ गाकर सबके दिल की बात कही है। खेसारी लाल यादव का ये गाना सोशल मीडिया पर धूम मचा दिया है। गाने के जरिए खेसारी ने कहा है कि यदि पटाखा नहीं मिलेगा तो छुरछुरी यानी फुलझरी से काम चलाना पड़ेगा। इसके जरिए वह कई बातों को दुहरा रहे हैं। अब इससे पता चल रहा है कि अब भोजपुरी में भी दिवाली गीत गाए जा रहे हैं। खैर छठ के गानें तो प्रसिद्ध है हीं।

भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव का गाना ‘पटाखा पर छापा’ दिवाली से पहले यू ट्यूब पर आ गया है। ‘पटाखा पर छापा’ में खेसारी लाल कह रहे हैं कि पापा पटाखा बैन हो जाई तो छुरछुरी ले आना। बिना पटाखा और बम के दिवाली कैसे मनाया जाएगा। इसी तरह इनका एक और गाना है ‘चलीं दिया बारे मंदिर में’ इस गाने में उनकी पत्नी बार-बार कह रही है कि चलिए मंदिर में दीप जलाने चलते हैं लेकिन वह नाराजगी के कारण नहीं जा रहे हैं। इसमें दीप जलाने के लिए खेसारी लाल और उनकी पत्नी के रुप में एक एक्ट्रेस को दिखाया गया है। वैसे इन दोनों गाने के जरिए दिवाली को लेकर बड़ा संदेश दिया गया है। गाने के म्यूजिक हमेशा की तरह तड़क-भड़क वाले हैं जो कि आपकी दिवाली खास बना सकते हैं।

हाल ही में हुआ था हमला
बिहार के वैशाली जिला में शनिवार की रात शहीदों की याद में एक कार्यक्रम रखा गया था। वहीं पर खेसारी यादव अपनी टीम के साथ गए थे। बिदुपुर थाना क्षेत्र के चकौशन बाजार में ये घटना घटी। रविवार को फेसबुक पर लाइव आकर भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने बताया, ‘कार्यक्रम के दौरान जनरेटर को बंद कर दिया गया। इसके बाद अचानक हमला किया गया। इस हमले में दस साथियों का सिर फट गया। इसके साथ ही उन पर ईंट-पत्थर से बमबारी की गई। किसी तरह जान बचाकर गाड़ी में भागे लेकिन बदमाशों ने मेरी तीन गाड़ियों को चकनाचूर कर दिया गया। मेरे साथी मुझे किसी तरह लेकर वहां से निकले तब जाकर जान बच पाई। मेरे हत्या की साजिश नकाम हो गई लेकिन मैं बिहार में सुरक्षित नहीं हूं।’

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.