Bhupen Hazarika Birth Anniversary: भूपेन हजारिका के 5 बेस्ट सॉन्ग, जिनमें दिखा दर्द से लेकर बेइंतहा प्यार

लीजेंडरी म्यूजिक मैस्ट्रो डा. भूपेन हजारिका का 93वां जन्मदिन है। डॉ. भूपेन हजारिका को नेशनल अवार्ड, पद्म विभूषण और इससे भी कहीं ज्यादा बढ़कर भारत रत्न सम्मान मिला।

भारत रत्न डॉ. भूपने हजारिका। (फोटोः ट्विटर)

लीजेंडरी म्यूजिक मैस्ट्रो डा. भूपेन हजारिका का 93वां जन्मदिन (Bhupen Hazarika Birth Anniversary) है। उन्हें सुधाकांता के नाम से भी जाना जाता था, जिसका मतलब होता है बुलबुल। भूपेन हजारिका एक सिंगर, कंपोजर, गीतकार और म्यूजिक डायरेक्ट थे। वह असम के युवा के लिए इंस्पिरेशनल पर्सेनिलिटी थे और देश के लिए वह एक कवि, गीतकार, सिंगर-म्यूजिशियन के साथ-साथ एक नेकदिल शख्स थे। डॉ. भूपेन हजारिका को नेशनल अवार्ड, पद्म विभूषण और इससे भी कहीं ज्यादा बढ़कर भारत रत्न सम्मान मिला। उनका जन्म 8 सितंबर 1926 को हुआ। उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं, उनके द्वारा लिखे गए और कंपोज किए गए 5 बेहतरीन सॉन्ग-

दिल हूम दिल हूम

यह खूबसूरत सॉन्ग फिल्म रुदाली का है। इस फिल्म में शनिचरी (डिंपल कपाड़िया) को ठाकुर (राज बब्बर) से प्यार होता है, लेकिन समाज और संस्कृति के चलते दोनों कभी साथ नहीं रह पाते। सॉन्ग की एक लाइन तेरी ऊंची अटारी दिल छू ले वाली है। जो समाजिक और जातिगत भेदभाव को डिस्क्राइब करती है।

गंगा बहती हो क्यों

यह  सॉन्ग पॉल रोब्सन की ऑल्ड मैन रिवर पर आधारित है। भूपेन हजारिका (Bhupen Hazarika Songs)  ने असामी, बंगाल और इसके बाद हिंदी में लिखा और गाया है।

गज गामिनी

इस सॉन्ग को फिल्म गज गामिनी के लिए ही कंपोज किया गया। फिल्म 2000 में रिलीज हुई थी। यह एक ऐसी महिला गज गामिनी की कहानी है जो लोगों को प्रेरित करती है, बढ़ावा देती है और आम आदमी को कन्फ्यूज करती है।

मैं और मेरा साया

इस सॉन्ग को भूपने हजारिका ने कंपोज किया है। इस सॉन्ग में अकेलेपन को एन्जॉय करने की बात कही जा रही है।

हु हु पागल

यह सॉन्ग साल 2001 में आई फिल्म दमन का है। इस फिल्म में एक्ट्रेस रवीना टंडन (Raveena Tondan)  लीड रोल में है।

भूपेन हजारिका को मिले भारत रत्न को नहीं लेंगे बेटे तेज हजारिका

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।