भूपेन हजारिका को मिले भारत रत्न को नहीं लेंगे बेटे तेज हजारिका, केंद्र सरकार के आगे रखी ये शर्त

भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने पिता को मिलने वाले भारत रत्न सम्मान को लेने मना कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल वापस नहीं लेती, तब तक वह यह सम्मान नहीं लेंगे।

भारत रत्न भूपेन हजारिका। (साभारः इंस्टाग्राम)

असम के महान गीतकार स्वर्गीय भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने उनके पिता को मिले भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ मिलने की घोषणा पर कहा कि वह इस सम्मान को नहीं लेंगे। तेज हजारिका ने केंद्र सरकार की नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आलोचना की और कहा कि यह सम्मान लेने का उचित समय नहीं है। तेज हजारिका अमेरिका में रहते हैं।

तेज हजारिका ने कहा कि उन्हें किसी भी तरह का इनविटेशन नहीं मिला है इसलिए इसे रिजेक्ट और स्वीकार करने के बारे में कहा ही नहीं जा सकता और केंद्र सरकार इस मामले में अवार्ड देने के महत्व और इसका दिखावा करके राष्ट्र के सामने अच्छी छवि गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। मई 2017 में केंद्र सरकार ने असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 9.15 किलोमीटर पुल का उद्घाटन किया था, जिसका नाम भूपेन हजारिका रखा गया।

नागरिकता संशोधन बिल वापस लेने की मांग

तेज हजारिका ने कहा,’मेरा मानना है कि मेरे पिता (भूपेन हजारिका) के नाम और गानों को सार्वजनिक रूप से सेलिब्रेट किया जाता है, जबकि इसकी आड़ में नागरिकता को लेकर एक दर्दनाक अलोकप्रिय बिल पास करने की योजना चल रही है, जो वास्तव में उनकी (भूपेन हजारिका) प्रसिद्धि और नाम को कम कर रहा है। हकीकत में यह बिल भूपेन दा के विश्वास के खिलाफ होगा।’  उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल को वापस नहीं लेती तब तक भूपेन हजारिका के लिए भारत रत्न का सम्मान नहीं लेंगे।

भारत रत्न देने से शांति-समृद्धि नहीं

तेज हजारिका ने कहा कि पूर्वोत्तर और भारत की सभी मूल प्रजाति के लोग उनके फैंस रहे हैं। पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ जबरदस्ती एक कानून को बनाना दिखाता है कि यह गैर-संवैधानिक, गैर-लोकतांत्रिक और गैर-भारतीय है। अपने भारत रत्न देना और सबसे लंबा पुल बनाना, भारत के नागरिकों को शांति और समृद्धि का बढ़ावा नहीं देंगे। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस एक दिन पहले यानि 25 जनवरी को केंद्र सरकार ने गीतकार और गायक भूपेन हजारिका को संगीत की दुनिया में अहम योगदान देने के लिए भारत रत्न देने का ऐलान किया था।

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रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।