दुनिया भर में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बॉलीवुड (Bollywood) के नाम से जाना जाता है. सबसे ज्यादा फिल्में बनाने का रिकॉर्ड भी भारत के नाम है. इस भारत में हर साल करीब 20 से भी ज्यादा भाषाओं में 1500 से लेकर करिब 2000 फिल्में बनाई जाती हैं. हिंदी सिनेमा को बॉलीवुड (Bollywood) , साउथ की फिल्मों को टॉलीवुड, कॉलीवुड और अमेरिकी फिल्मों को हॉलीवुड (Hollywood) कहा जाता है लेकिन क्या आपने जानते है कि इन्हें ये नाम क्यों दिया गया?
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं.
कहा जाता है कि 1976 में सिनेब्लिट्ज मैगजीन की कॉलमिस्ट बेविंडा कोलैको ने सबसे पहले बॉम्बे के लिए ‘बॉलीवुड’ (Bollywood) शब्द का इस्तेमाल किया था. आखिर इस शब्द को इस्तेमाल करने की ऐसी क्या जरूरत पड़ी आइए इस बारे में पूरी बात जानते हैं.
बंगाल की राजधानी कोलकाता में ‘टॉलीगंज‘
दरअसल बंगाल की राजधानी कोलकाता में ‘टॉलीगंज’ नाम की एक जगह है जो पहले बंगाली फिल्म इंडस्ट्री (Bengali Film Industry) का क्रेंद्र हुआ करती थी. जिसकी वजह से इसका नाम ‘टॉलीवुड’ पड़ गया. टॉलीवुड (उस वक्त बंगाली सिनेमा) शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल 1932 में किया गया था. विल्फोर्ड ई डेमिंग नाम के एक साउंड इंजीनियर से सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल किया. अमेरिकन सिनेमेटोग्राफर पत्रिका में सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल किया गया. यह भी पढ़ें: क्या ललित मोदी की ‘लव’ नहीं रही सुष्मिता सेन? आईपीएल फाउंडर ने किया कुछ ऐसा
टॉलीवुड शब्द से प्रेरणा लेते हुए
टॉलीवुड शब्द से प्रेरणा लेते हुए सिनेब्लिट्ज मैगजीन की कॉलमिस्ट बेविंडा कोलैको ने हिंदी फिल्मों के सेंटर बॉम्बे के लिए बॉलीवुड (Bollywood) शब्द का इस्तेमाल किया, इसके बाद ये शब्द काफी बोले जाने लगा, जिसके बाद ये काफी प्रचलित हुआ. हालांकि भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) को बॉलीवुड कहा जरूर जाता है लेकिन यह नाम आधिकारिक नहीं है. ‘बॉलीवुड’ शब्द पूरे भारतीय सिनेमा के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द नहीं है. हालांकि कुछ लोग इसे पूरे भारतीय सिनेमा के लिए उपयोग करते हैं जो कि गलत है. क्योकि भारतीय फिल्म उद्योग में करीब 20 से भी ज्यादा भाषाओं में फिल्में बनाई जाती हैं. ऐसे में हिंदी फिल्मों के लिए ही बॉलीवुड का इस्तेमाल किया जाता है.
हॉलीवुड नाम इस्तेमाल होने का कारण
हॉलीवुड (Hollywood) नाम इस्तेमाल होने के पीछे भी इसी तरह की एक धारणा है. अमेरिका के लॉस एंजिल्स में एक शहर है जिसका नाम हॉलीवुड है. यह अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री का बहुत बड़ा केंद्र है और इसलिए वहां के सिनेमा के लिए हॉलीवुड शब्द का प्रचलन है. यह भी पढ़ें: बॉयफ्रेंड आदिल दुर्रानी संग रोमांटिक फोटोशूट के दौरान खिसकी राखी सावंत की ड्रेस, तो बुरी तरह भड़की एक्ट्रेस
सिनेमा की शुरुआत
बता दें कि भारतीय सिनेमा की शुरुआत 1913 से मानी जाती है. भारत की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) थी. इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के(Dada Saheb Phalke) ने 1913 और 1918 के बीच 23 फिल्मों का निर्माण किया. दादासाहेब फाल्के (Dada Saheb Phalke) की ही जिद थी कि भारत में फिल्म उद्योग की नींव पड़ी. आज भी जब सिनेमा की बात होती है, तो इस फिल्म का जिक्र जरूरत होता है. 1950 और 1960 में, भारतीय सिनेमा के इतिहास को स्वर्ण युग (Golden Age Of Indian Cinema) माना जाता है क्योंकि इस दौरान गुरु दत्त, राज कपूर, दिलीप कुमार, मीना कुमारी, मधुबाला, नरगिस जैसे महान कलाकारों ने सिनेमा को नया रूप दिया था.
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