दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) ने हर बार अपने जीवन से जुड़ी चीज़ों को लोगों के सामने खुलकर पेश किया है। अब वो भले उनके शादी ना करने की वजह हो या फिर डिप्रेशन जैसी बड़ी चीज़। अभिनेत्री ने अपनी पुस्तक द हिट गर्ल में भी इस बारे में खुल कर बात की है। जब हम एक इंटरव्यू के लिए अभिनेत्री से मिले, तो हमने इस बारे में में उनसे ज़िक्र किया।
आशा ने हमें बताया कि, “यह मेरे जीवन की एक छोटी अवधि थी, मैंने अपने माता-पिता को खो दिया था। अचानक, मेरे जीवन में एक शून्य आ गया था और मेरे आसपास कोई नहीं था। मैं बिल्कुल अकेली थी और मुझे हर चीज का सामना करना पड़ा। मुझे घर चलाना पड़ा, जो मैंने अपने जीवन में कभी नहीं किया था, और एकाउंट्स की देखभाल भी की थी। यह सब मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और मैं पूरी तरह से टूट गई थी! लेकिन मेरे डॉक्टर दोस्तों ने मुझे बाहर निकाल दिया।”
मनोचिकित्सक का दौरा करना और डिप्रेशन के बारे में बात करना वर्जित माना जाता है, इसकी जांच करवाना और इसका सामना करना क्या मुश्किल था? इसपर आशा कहती हैं, “नहीं, यह कठिन नहीं था। वास्तव में मैं इसके बारे में खुल कर रहना चाहती थी और मैं ठीक होना चाहती थी। मैं इसमें और अधिक गहराई तक नहीं जाना चाहती थी। आज के बच्चे डिप्रेशन में हैं और वे इस बारे में बात नहीं करते हैं। वे डॉक्टरों के पास नहीं जाते हैं और यह अच्छी बात नहीं है क्योंकि आप एक जीवन खो सकते हैं। डिप्रेशन आपको एक तरह के ब्लैक होल में ले जा सकता है, इसलिए यह भयानक है। ”
डिप्रेशन को लेकर वैसे तो कई बड़े कलाकारों ने कई बड़ी बातें कहीं है लेकिन, आशा का यह कहना कि आज एक बच्चों में डिप्रेशन है और वो इस बारे में बात नहीं करते, ये सच में दुखदायी है। डिप्रेशन में रहने और इससे निकलने का सफर काफी कष्टदायी हो सकता है लेकिन इस बारे में बात करना बेहद ज़रूरी है।
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