Bollywood Throwback : जानिये ‘गब्बर’ अमजद खान की ‘अधूरी प्रेम कहानी’

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अगर कोई गब्बर का नाम लेता है तो एक ही नाम और एक ही चेहरा सामने आता है और वो है अमजद खान (Amjad Khan) का। बहुत कम लोग जानते हैं कि अमजद खान की एक अधूरी प्रेम कहानी भी है और ये प्रेम कहानी उनके शादी और बच्चों के जन्म के बाद शुरू हुई थी।

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Bollywood Throwback : जानिये ‘गब्बर’ अमजद खान की ‘अधूरी प्रेम कहानी’

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अगर कोई गब्बर का नाम लेता है तो एक ही नाम और एक ही चेहरा सामने आता है और वो है अमजद खान (Amjad Khan) का। फिल्म शोले (Sholay) के गब्बर सिंह (Gabbar Singh) को आज सच में बच्चा बच्चा जानता है। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी कई फिल्मों ने शोले के गब्बर के कैरेक्टर को दोहराया है। अमजद ने बॉलीवुड को तमाम हिट फ़िल्में दी लेकिन, कभी ये हीरो नहीं बन सके। लेकिन विलन बनकर जो कमाल उन्होंने स्क्रीन पर दिखाया वो भी किसी हीरो से कम नहीं था। फिल्मों हीरो की हीरोइन को किडनैप करने वाला ये गब्बर रियल लाइफ में काफी नर्म और संजीदा किस्म का इंसान था। बहुत कम लोग जानते हैं कि अमजद खान की एक अधूरी प्रेम कहानी भी है और ये प्रेम कहानी उनके शादी और बच्चों के जन्म के बाद शुरू हुई थी।

जहाँ अमजद खान बॉलीवुड फिल्मों में खलनायक बन कर अपना कहर जमा रहे थे वहीँ, एक खलनायिका भी थीं जो लोगों को ये बता रही थी कि विलन बनना भी औरतों के बाएं हाथ का खेल है। ये थीं कल्पना अय्यर!  कल्पना को आपने ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘हम से बढ़कर कौन’, ‘लाडला’, अंजाम’ और ‘गुंडाराज’ फिल्मों में देखा होगा। कल्पना सिर्फ नेगेटिव रोल ही नहीं बल्कि फिल्मों में डांस नंबर्स के लिए भी मशहूर थीं। जब हीरो हीरोइन के बीच प्यार हो सकता है तो खलनायक और खलनायिका के बीच क्यों नहीं?

ऐसे हुई शुरू और ऐसे हुई खत्म अमजद खान की अधूरी प्रेम कहानी!

अमजद और कल्पना की पहली मुलाकात एक स्टूडियो में हुई थी, जहां दोनों अलग-अलग फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे। फिर ये परिचय प्यार में बदला। कल्पना जानती थीं कि अमजद शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी हैं और उनके तीन बच्चे भी हैं। यदि कल्पना अमजद की बीवी बनने के लिए जिद करतीं, तो यह शादी हो भी जाती। लेकिन, दोनों ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि अगर दोनों शादी करते तो अमजद के भरे-पूरे परिवार में तूफान आ जाता। जब तक अमजद ख़ान जीवित रहे, वे कल्पना के दोस्त और गाइड बने रहे।

जब 27 जुलाई 1992 को अमजद का इंतकाल हुआ, तो कल्पना उनके घर गई। कल्पना के कई शुभचिंतकों ने उनसे वहां न जाने की सलाह भी दी कि पता नहीं अमजद के परिवार वालों का क्या रवैया हो? कहीं वे उन्हें भीतर आने ही न दें, लेकिन कल्पना ने यह सलाह नहीं मानी। कल्पना जानती थीं कि वे अमजद की ब्याहता नहीं हैं, लेकिन वे वहां शोक मनाने गईं। अपने उस दोस्त को आखिरी सलाम करने गईं, जिसके साथ उनका बेनाम रिश्ता था।

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Story Author: Shikha Sharma

शिखा, इसका मतलब होता है पहाड़ की चोटी लेकिन, अपने काम में मैं चोटी से लेकर एड़ी तक ज़ोर लगा देती हूं! बॉलीवुड फ़िल्में और गानें मेरी रगों में हैं! किशोर कुमार से लेकर बादशाह तक, म्युज़िक मेरी ज़िन्दगी है!

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