Kader Khan Death: ये हैं कादर खान के 10 दमदार डायलॉग, इनसे मिली कई बॉलीवुड सितारों को पहचान

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता कादर खान (Kader Khan) अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उन्हें उनकी दमदार एक्टिंग और लेखनी के लिए हमेशा-हमेशा याद किया जाएगा।

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Kader Khan Death: ये हैं कादर खान के 10 दमदार डायलॉग, इनसे मिली कई बॉलीवुड सितारों को पहचान
दिवंगत अभिनेता कादर खान ने बॉलीवुड की करीब 300 फिल्मों में काम किया था।

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता कादर खान (Kader Khan) का मंगलवार सुबह निधन हो गया। कादर खान (Kader Khan) 81 साल के थे। कनाडा के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। अभिनेता के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। साथी कलाकार और तमाम पक्ष-विपक्ष के नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कादर खान का पार्थिव शरीर भारत नहीं लाया जाएगा। कनाडा में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कादर खान (Kader Khan) ने साल 1973 में आई फिल्म ‘दाग’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में कादर खान (Kader Khan) राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ दिखे थे। कादर खान (Kader Khan) ने जहां करीब 300 फिल्मों में काम किया तो 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए हिट डायलॉग्स भी लिखे। बड़े पर्दे के मंझे हुए कलाकार और लेखक कादर खान (Kader Khan) के लिखे डायलॉग्स ने कई अभिनेताओं को रातोंरात स्टार बना दिया था।

इनमें सबसे बड़ा नाम अमिताभ बच्चन (Aamitabh Bachchan) का है। कादर खान (Kader Khan) के डायलॉग्स ने ही अमिताभ को रील लाइफ का ‘एंग्री यंगमैन’ बनाया। फिल्मों में कादर खान (Kader Khan) के लिखे डायलॉग्स को जब अमिताभ पढ़ते थे तो सिनेमाघर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठते थे। कादर खान को याद करते हुए हम आपके लिए लेकर आए हैं उनके लिखे 10 दमदार डायलॉग्स।

1- ‘बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है इकबाल।’ ( फिल्म- कुली, 1983)

2- ‘सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है। दुख को अपना ले तब तकदीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा।’ (फिल्म- मुकद्दर का सिकंदर, 1978)

3- ‘ऐसा तो आदमी लाइफ में दोइच्च टाइम भागता है। ओलंपिक का रेस हो या फिर पुलिस का केस हो। तुम कायको भागता है मैन?’ (फिल्म- अमर, अकबर, एंथनी, 1977)

4- ‘हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है।’ (फिल्म- कालिया, 1981)

5- ‘जिंदा हैं वो लोग जो मौत से टकराते हैं।’ (फिल्म- मुकद्दर का सिकंदर, 1978)

6- ‘जिंदगी में तूफान आए, कयामत आए मगर कभी दोस्ती में दरार न आने पाए।’ (फिल्म- आतिश, 1994)

7- ‘अपन फेमस आदमी। बड़ा-बड़ा पेपर में अपन का छोटा-छोटा फोटो छपता है।’ (फिल्म- अमर, अकबर, एंथनी, 1977)

8- ‘विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है।’ (फिल्म- अग्निपथ, 1990)

9- ‘इस थप्पड़ की गूंज सुनी तुमने?’ (फिल्म- कर्मा, 1986)

10- ‘कत्ल करते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।’ (फिल्म- खून भरी मांग, 1988)

देखें कादर खान की तस्वीरें…

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#RIP End of an Era !! #KaderKhan Kader Khan, Veteran Bollywood Actor, Passes Away at 81 After Prolonged Illness A day after dismissing reports of his death, Kader Khan’s son Sarfaraz confirmed on Tuesday morning that the veteran actor-writer passed away on Monday evening. Best known for acting in popular films such Mujhse Shaadi Karogi, Akhiyon Se Goli Maare, Joru Ka Ghulam, Haseena Maan Jaayegi, Aunty No. 1 and Judwaa, Khan was living in Canada with Sarfaraz and his daughter-in-law Shahista. He was 81. "My dad has left us. He passed away on December 31 at 6 pm as per Canadian time due to prolonged illness. He slipped into coma in the afternoon. He was in the hospital for 16-17 weeks,” Sarfaraz told PTI. "The last rites will be performed here in Canada only. We have our entire family here and we live here so we are doing it. We are thankful to everyone for their blessings and prayers," he added. In the last few days, Khan was just able to maintain eye contact. He had stopped talking completely, was put on a BiPAP ventilator and showed symptoms of pneumonia. Sarfaraz had earlier told a media portal that Khan had recently undergone a knee surgery but despite it being successful, he couldn't walk owing to his ill health. "The surgery did not go wrong. It was just that my father refused to get up after it. We were told that he has to make an effort and try to start walking from the next day but he just didn't do it," Sarfaraz said. Khan was also suffering from progressive supranuclear palsy (PSP), an extremely rare degenerative disease known to cause slow deterioration and loss of specific volumes of the brain, resulting in loss of balance, slowing of movement, difficulty moving eyes and dementia. Born in Kabul in 1937, Khan made his acting debut in 1973 with Yash Chopra’s film Daag that starred Rajesh Khanna and Sharmila Tagore in lead roles. He went on to feature in over 300 films. But before turning to acting, he was a prolific dialogue and screen writer and had penned dialogues for over 250 films, including Randhir Kapoor-Jaya Bachchan's

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Story Author: राहुल सिंह

उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।

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