बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई अय्यारी, नहीं चला सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज बाजपाई का जादू

जानें अबतक कितना कमा चुकी है अय्यारी

जानें अबतक कितना कमा चुकी है अय्यारी

हाल में ही सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म अय्यारी रिलीज़ हुई हैं हालाँकि यह बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पायी है| नीरज पांडे के निर्देशन में बनी फिल्म अय्यारी को बॉक्स ऑफ़िस कुछ खास कलेक्शन नहीं हो पाया है फिल्म ने पहले तीन दिनों में सिर्फ 13 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया है।

इसके पहले फिल्म के बारे में नीरज पांडे से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, फिल्म अय्यारी एक खास प्रोजेक्ट है। अय्यारी बताती है कि संकट की घड़ी में सैनिक को किस चीज का सहारा लेना पड़ता है। उनकी बुद्धिमत्ता, तीक्ष्णता केवल अपने ही दल को नहीं बल्कि शत्रुओं से भी सम्मान पाती है। बता दे कि, अय्यारी’ का सेट दिल्ली, लंदन और कश्मीर में तैयार किया गया है। इसकी कहानी दो ऐसे जिद्दी आर्मी ऑफिसर की है, जिनके विचार एक-दूसरे से कभी मेल नहीं खाते और दोनों अपने-अपने तरीके से सही होते हैं। यह एक गुरु और शिष्य के रिश्ते पर बनी रियल लाइफ स्टोरी है।

अपनी फिल्म को रिलीज करने के लिए नीरज को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। इससे पहले, सेंसर बोर्ड की परीक्षा समिति में नापास होने के बाद फिल्म को रेवाईसिंग कमेटी में भेजा गया था।

हाल ही में, फिल्म देखने के बाद, सीबीएफसी ने इसे मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (एमओडी) के अधिकारियों के लिए स्क्रीनिंग का आयोजन करने के लिए कहा था, जिसे शनिवार के दिन देंखने के बाद फ़िल्म में कुछ बदलावों की मांग रखी गयी थी। बदलावों की मांग के बाद ही फ़िल्म को ‘यू / ए’ प्रमाण पत्र के साथ हरी झंडी दी गयी।

सेंसर ने जासूसी थ्रिलर को देखने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को यह फ़िल्म इसलिए नहीं दिखाई क्योंकि इसमे सिद्धार्थ मल्होत्रा और मनोज वाजपेयी सेना के अधिकारियों की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि भ्रष्टाचार को दर्शाती इस फ़िल्म में दिखाया गया आदर्श हाउसिंग घोटाले का मुद्दा चिंता की वजह था।

आदर्श हाउसिंग सोसाइटी एक पॉश, 31-मंजिला इमारत थी, जिसका निर्माण कोलाबा में युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवा औरतों और रक्षा कर्मियों के लिए किया गया था। कई सालों से राजनेताओं, नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों ने कथित रूप से लैंड ओनरशिप, ज़ोनिंग, फ्लोर स्पेस इंडेक्स और सदस्यता के तौर पर नीचे बाजार दर पर सार्वजनिक संपत्ति के रूप में कॉपरेटिव सोसाइटी के इन फ्लैटों को हड़पने की कोशिश की थी। नवंबर 2010 में घोटाले का पता चलने के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफे देना पड़ा था।

 

श्रेया दुबे :खबरें तो सब देते हैं, लेकिन तीखे खबरों को मजेदार अंदाज़ में आपतक पहुंचाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। पिछले चार साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। कुछ नया सीखने की कोशिश कर रही हूं। फिलहाल इंटरनेट को और एंटरटेनिंग बना रही हूं।