आज विश्वकर्मा दिवस है इस दिन हम आपको बताने जा रहें है भगवान विश्वकर्मा देव से जुड़ी कुछ अहम बातें। भगवान विश्वकर्मा को देव शिल्पी भी कहा जाता है। उन्होंने सतयुग में स्वर्गलोक के साथ – साथ त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारका के अलावा कलियुग में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर की बड़ी मूर्तिया का निर्माण किया था।
हर वर्ष विश्वकर्मा दिवस को कन्या संक्रांति के दिन बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन्हें सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार के तौर पर देखा जाता है। यह वजह है की विश्वकर्मा दिवस के दिन इंजीनियर , मिस्त्र के साथ – साथ पेशेवर लोग भी अपने काम में तरीकी पाने के लिए पूजा करते हैं।
औजारों की करते है सफाई
विश्वकर्मा के दिन लोग अपने औजारों की सफाई बड़े ही आदार और सम्मान के साथ करते हुए उनकी पूजा करते है। वहीं, प्रसाद तक लोगों मे बांटते है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि औजारों की पूजा करने से शिल्पकला का विकास होता हैं। साथ ही कार्य में वृद्धि भी होती है।
विश्वकर्मा दिवस पर पूजा करने से मिलती है तरीकी
ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विश्वकर्मा पूजा करने से व्यक्ति के काम में तरीकी होती है और वह साल भर अच्छे से चलता रहता है। पूर्वी भारत के साथ – साथ ओडिशा और पूर्वी भारत में यह दिवस हर साल 17 सिंतबर के दिन ही मनाया जाता है। लेकिन कुछ लोग इसे दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा के तौर पर मनाते है।
ध्यानपूर्वक और धैर्य संग करें पूजा
बात करें विश्वकर्मा दिवस पर पूजा की तो वह आप पूरे विधि विधान के साथ जरूर करें। आप अपने पंडित जी से आज के दिन पूजा कर सकते हैं। पूजा करते वक्त आप अपने मन में धैर्य जरूर बना कर रखें और पूजा के पूरे होने के बाद अपने ऑफिस, दुकान या फिर कार्यक्षेत्र वाली जगह पर साथियों और परिवार वालों के बीच प्रसाद जरूर बैठे और उसके बाद ही पूजा का स्थान छोड़े।