केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अभिजीत पानसे की फिल्म ठाकरे में तीन दृश्यों पर आपत्ति जताई है| फिल्म के निर्माताओं ने इस बात का दावा किया है। फिल्म शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की ज़िन्दगी की कहानी को बड़े परदे पर जीवंत करेगी। सीबीएफसी ने कुल तीन कट्स का सुझाव दिया है| इन तीन कटौती में से पहला बाबरी मस्जिद का संदर्भ है, जबकि दूसरा दक्षिण भारतीयों के खिलाफ आंदोलन से संबंधित एक डायलॉग है। वहीँ तीसरे संवाद में सीबीएफसी द्वारा कुछ शब्दों को आपत्तिजनक माना गया है।
हालांकि, ठाकरे फिल्म के लेखक और प्रोड्यूसर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ी धूमधाम के बीच आज ट्रेलर को लांच करने का फैसला कर लिया है| इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च दोपहर 1.30 बजे IMAX, वडाला में हो चूका है| आपको बता दें इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुख्य भूमिका में हैं| वहीँ अमृता राव को बाल ठाकरे की पत्नी मीनाताई ठाकरे की भूमिका निभाने वाली हैं|
संजय राउत ने पहले बाल ठाकरे की इस फिल्म को “गुरुदक्षिणा” कहा था। उन्होंने अक्टूबर में इंडिया टुडे टेलीविजन को बताया था कि , “बालासाहेब की वजह से आज मैं जो भी हूं, यह उनके लिए मेरी गुरुदक्षिणा है। आने वाली पीढ़ियां उन्हें इस फिल्म के जरिए याद रखेंगी।”
बालासाहेब ठाकरेजी को उनकी पुण्यतिथी के अवसर पर प्रणाम ।
उनके किरदार को न्याय पूर्वक निभाने की एक कोशिश के लिये मुझ पर उनका और आप सभी का
आशिर्वाद बना रहें । pic.twitter.com/kjlcz2txCQ— Nawazuddin Siddiqui (@Nawazuddin_S) November 17, 2018
कुछ समय पहले जब ठाकरे का टीज़र लॉन्च किया गया, तो शिवसेना अध्यक्ष और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे ने इस फिल्म की तारीफ की थी| उन्होंने कहा, “बालासाहेब को पर्दे पर लाना आसान काम नहीं है … यह नायक-नायिका की फिल्म नहीं है … यह एक ऐसे व्यक्ति पर फिल्म है जिसने आम आदमी को नायक बनाया है|
Trailer releasing on 26th December, 2018 in Marathi & Hindi.@ThackerayFilm @rautsanjay61 @Viacom18Movies #CarnivalMotionPictures @abhijitpanse @VMPmarathi pic.twitter.com/JnR5BWbczU
— Nawazuddin Siddiqui (@Nawazuddin_S) December 22, 2018
क्या आप इस फिल्म को देखने के लिए उत्साहित हैं? नीचे कमेंट्स में बताना मत भूलिए|
बाल ठाकरे ने सबसे पहले एक कार्टूनिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी| पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने साल 1960 में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरे के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् 1966 में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की।