रत्ना पाठक (Ratna Pathak) बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस और नसीरुद्दीन शाह की पत्नी है. वह अकसर अपने बोल्ड अंदाज़ और बेबाक बयान की वहज से सुर्खियों में बनी रहती हैं. हाल ही में एकट्रेस फिर अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आई हैं. रत्ना ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में हिंदू पर्व करवाचौथ को रुढ़िवादी और अंधविश्वास बताते हुए महिलाओं पर निशाना साधा. रत्ना पाठक ने कहा कि 21वीं सदी की महिलाएं कैसे अभी भी करवा चौथ जैसी पुरानी परंपराओं को निभा रही हैं. रत्ना ने कहा कि हम अंधविश्वासी होते जा रहे हैं. महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है.
रत्ना पाठक इंटरव्यू
दरअसल. एक इंटरव्यू के दौरान रत्ना पाठक ने कहा- ‘महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है. या कुछ क्षेत्रों में थोड़े बहुत बदलाव हुए हैं…हमारा समाज बेहद रूढ़िवादी होता जा रहा है. हम अंधविश्वासी होते जा रहे हैं. हमें धर्म को स्वीकार करने और अपने जीवन का एक बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. किसी ने मुझसे पिछले साल पहली बार पूछा कि क्या मैं करवा चौथ का व्रत रख रही हूं? मैंने कहा.’ क्या मैं पागल हूं? ‘क्या यह भयावह नहीं है कि आधुनिक शिक्षित महिलाएं करवा चौथ करती हैं. वास्तव में? 21वीं सदी में. हम इस तरह बात कर रहे हैं? शिक्षित महिलाएं ऐसा कर रही हैं.’
समाज में एक विधवा होना बहुत बुरा माना जाता है
उन्होंने आगे कहा. ‘यह आश्चर्य की बात है कि आज के समय में मॉडर्न और पढ़ी-लिखी महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख रही हैं. अपने पति की ज़िन्दगी के लिए. ताकि उन्हें उनकी ख़ुद की ज़िन्दगी में कुछ वैधता मिले.. क्योंकि भारतीय समाज में एक विधवा होना बहुत बुरा माना जाता है. तो कोई भी चीज जो मुझे विधवा होने से बचाए. 21वीं सदी में हम ऐसी बातें कर रहे हैं. पढ़ी-लिखी महिलाएं ऐसी चीजें कर रही हैं. तो हां. हम रूढ़िवादी हो रहे हैं.’ अब इस बयान के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर रत्ना पाठक को ट्रोल किया जा रहा है. साथ ही उनके बयान की जमकर आलोचना भी की जा रही है.
धर्म गुरुओंपर भी साधा निशाना
रत्ना ने आज के ज़माने में चीजों के प्रचार को लेकर कहा. ‘विज्ञापनों में भी आजकल कुंडली दिखाओ. वास्तु कराओ. ज्योतिष को दिखाओ. नित्यानंद को देखो उसने कोई कहीं आइलैंड ही बना लिया है. हाँ. कोई भी गुरु. कहीं से भी निकलकर सामने आ रहा है और सब उनके पीछे चल रहे हैं. क्या इसे मॉडर्न समाज कहते हैं? ढाबोरकर जैसे रैशनलिस्ट को दिनदहाड़े मार दिया जाता है और इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता. उनका ट्रायल अभी भी चल रहा है. इसके बारे में कुछ भी नहीं किया जाएगा. तो हम सही में एक रूढ़िवादी समाज बनने की ओर बढ़ रहे हैं.’
अपनी औरतों को दबाना
महिलाओं को लेकर रत्ना कहती हैं. ‘और पहली चीज जो एक रूढ़िवादी समाज करता है वह है अपनी औरतों को दबाना. दुनिया के सभी रूढ़िवादी समाजों को देखो. वह औरतें ही हैं जिनपर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ा है. सऊदी अरेबिया में क्या है औरतों का स्कोप? हम लोग सऊदी अरेबिया बनना चाहते हैं क्या? और बन जाएंगे. यह बहुत आसान है.
लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया रत्ना पाठक का बयान
रत्ना पाठक का यह सब कहना लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया हैं. देखा जाए तो सीधे तौर पर रत्ना पाठक ने करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को पागल कहा है. रत्ना पाठक के इस बयान के बाद कई यूजर्स उनको सोशल मीडिया पर इस्लाम पर बोलने की चुनौती दे रहे हैं. नेटिजन्स ने कहा कि अगर करवा चौथ रूढिवादिता है तो इस्लाम में तीन तलाक. हलाला और नजदीकी रिश्तों में शादी पर उनके क्या विचार हैं. उन्हें इन मुद्दों पर भी बोलने की हिम्मत दिखानी चाहिए.
बता दें की रत्ना पाठक इंडस्ट्री की बोल्ड एक्ट्रेस में से एक उन्होंने साल 1983 में फ़िल्म मंडी से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंन कई फ़िल्मों में काम किया हैं.
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