अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) का करियर एक ऐसे मुकाम पर खड़ा है जहां उन्हें फिल्म की परीक्षा में पास होना बहुत जरूरी है फिल्म दसवीं (Dasvi) में चौधरी की भूमिका में अभिषेक बच्चन निसंदेह फर्स्ट डिवीजन में पास हुए हैं। फिल्म में भले दम हो या ना हो लेकिन अभिषेक बच्चन और निम्रत कौर की परफॉर्मेंस में पूरा दम है। फिल्म शिक्षा के मुद्दे पर बात करती है लेकिन साधारण राइटिंग और एग्जीक्यूशन इसे एक साधारण फिल्म बना देता है।
फिल्म की कहानी घूमती है गंगा राम चौधरी की जिंदगी के आसपास जहां गंगा राम एक घमंडी खड़ूस और बईमान नेता है। उनकी पत्नी बिम्मो उनके जेल जाने के बाद बनती हैं सीएम उसके बाद शुरू होता है सफर गंगाराम के जीवन परिवर्तन का। फिल्म में यामी गौतम एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर की भूमिका में है और गंगाराम की बेस्ट मैन है। फिल्म का एग्जीक्यूशन टिपिकल बॉलीवुड स्टाइल है। फिल्म एक मसाला एंटरटेनर है जिसमें कुछ चीजें हिट है तो कुछ चीजें मिस है।
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फिल्म में अभिषेक और निम्रत दोनों का काम सराहनीय है फिल्म की स्टोरी और राइटिंग कमजोर होने के बाद भी यह दोनों फिल्म को साथ में जोड़कर रखते हैं। फिल्म में स्क्रीनप्ले और राइटिंग दोनों साधारण हैं फिर मैं डायलॉग्स भी टिपिकल बॉलीवुड स्टाइल है फिल्म एक कॉमेडी है लेकिन जोक्स की टाइमिंग और राइटिंग दोनों ही कुछ खास नहीं है। फिल्म का सेटअप भी बहुत एवरेज है।
फिल्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करती है फिल्म एक सोशल मैसेज के साथ पब्लिक के बीच उतारी गई है इस फिल्म को जागरूकता अभियान के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर एक लाइन में इस फिल्म का सार बताना हो तो “Film celebrate education but with average writing”
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