Dev Anand Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता देव आनंद (Dev Anand) की आज 99वीं बर्थ एनिवर्सरी हैं. अपने शानदार अभिनय और प्यारी-सी मुस्कान से सभी को दीवाना बनाने वाले देव आनंद के पीछे लड़कियां दीवानी थी. एक समय ऐसा भी था जब उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियों लंबी लाइन लग जाती थी. वहीं देव आनंद का दिल भी कई अभिनेत्रियों पर आया. आइये आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ अनजान किस्से.
Unknown Facts Of Dev Anand
देव आनंद (Dev Anand) का जन्म 26 सितंबर 1923 को हुआ. साल 1960 के दशक में हिंदी सिनेमा पर राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद का राज चलता था. अपने समय पर देव आनंद को रोमांस, स्टाइल और दिल छू लेने वाले किरदार मिले जोकि आज भी करोड़ों फैंस के बीच जिंदा है. देव आनंद ने साल 1946 में आई फिल्म जिद्दी से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा.
अपने करियर के दौरान ही देव आनंद (Dev Anand) का दिल जानी-मानी अभिनेत्री सुरैया (Suraiya) पर आ गया. उनका पहला प्यार सुरैया (Suraiya) थीं. ये बात साल 1948 की है जब फिल्म ‘विद्या’ की शूटिंग चल रही थी. इस दौरान अपनी जान पर खेलकर देव आनंद ने सुरैया को डूबने से बचाया था. इसके बाद इन दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत हुई.
देव आनंद ने साल 1949 में फिल्म ‘जीत’ के सेट पर उस समय पर 3000 रुपए की अंगूठी के साथ सुरैया (Suraiya) को प्रपोज किया था. इन दोनों की प्रेम कहानी में कांटा बनीं सुरैया की दादी. सुरैया की दादी को ये रिश्ते बिलकुल मंजूर नहीं था. इसका सबसे बड़ा कारण देव आनंद का हिंदू और सुरैया का मुस्लिम होना था.
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सुरैया के प्यार में दीवाने देव आनंद (Dev Anand) को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या करना चाहिए. इसके बाद साल 1954 में आई फिल्म ‘टैक्सी ड्राइवर’ के दौरान देव आनंद को अपनी नई हीरोइन कल्पना कार्तिक से प्यार हो गया. अचानक ही दोनों ने लंच ब्रेक के दौरान गुपचुप तरीके से शादी कर ली. देव आनंद से शादी के बाद कल्पना ने एक्टिंग नहीं करने का फैसला किया. फिल्म ‘नौ दो ग्यारह’ से बतौर कपल इन दोनों की आखिरी फिल्म थी. वह साल 2011 में देवानंद के निधन तक उनकी पत्नी थी.
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जब देव आनंद व्हाइट शर्ट और ब्लैक कोट पहनकर निकलते तो सभी की नजरें उन पर ही रुक जाती, उन्होंने इस लुक को बेहद पॉपुलर बना दिया था. देव आनंदअपने समय के मोस्ट हैंडसम अभिनेताओं में से एक थे. कहा जाता है कि उनको ब्लैक कपड़े पहनने पर साफ़तौर पर मनाही थी. इस तरह की अफवाहें तक सामने आईं थी कि जब लड़कियां उन्हें काले कपड़ों में देखने के लिए छत पर से कूद जाया करती थीं. दरअसल, कुछ लड़कियों के उनके काले कोट पहनने के दौरान आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं. ऐसा शायद ही कोई एक्टर हो जिसके लिए इस हद तक दीवानगी देखी गई और कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा.
अगर देव आनंद की फिल्मों की बात की जाए तो ‘जॉनी मेरा नाम’ साल 1970 की सबसे अधिक कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म रही. वहीं 1970 की 7वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी. देव आनंद ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी है. जिसमें ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘मुनीम जी’, ‘सीआईडी’, ‘नौ दो ग्यारह’, ‘काला पानी’, ‘हम दोनों’, ‘काला बाजार’, ‘ज्वैल थीफ’, ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘असली नकली’ और ‘तेरे घर के सामने’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘गाइड’, ‘पेइंग गेस्ट’, ‘बाजी’, ‘सीआइडी’, ‘वारंट’, ‘देस परदेस’, ‘अमीर गरीब’ शामिल है.
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