डोला रे डोला…बेस्ट डांस नंबर बना संजय लीला भंसाली के फिल्म ‘देवदास’ का ये गाना

संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म देवदास इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। तमाम अवार्ड जीतने के बाद इस फिल्म को ऑस्कर में भी भेजा गया था...

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डोला रे डोला…बेस्ट डांस नंबर बना संजय लीला भंसाली के फिल्म ‘देवदास’ का ये गाना

संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म देवदास इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। इस फिल्म ने रिलीज के साथ सुर्खियां बटोरी थी। यहां तक की इसने तमाम अवार्ड जीतने के बाद इस फिल्म को ऑस्कर में भी भेजा गया था। इन सब के बावजूद इस फिल्म ने एक और कामयाबी हासिल की है। इस फिल्म का गाना डोला रे डोला को बेस्ट डांस नंबर से नवाजा गया है।

इस फिल्म के इस गाने को यूके ईस्टर्न आई न्यूजपेपर ने इस गाने को टॉप पर जगह दी है। बॉलीवुड के 50 बेहतरीन गानों में से पहले नंबर पर जगह मिली है। संजय लीला भंसाली की ये फिल्म वर्ष 2002 में पर्दे पर आई थी। फिल्म के इस गाने को सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था। इस फिल्म में देवदास के किरदार में और ऐश्वर्या राय को पारों के किरदार में दर्शकों ने खूब पसंद किया था। बताते चलें कि संजय लीला भंसाली को और म्यूजिक डायरेक्टर इस्माइल दरबार को देवदास का म्यूजिक तैयार करने में ढाई साल का वक्त लगा था।

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) बॉलीवुड में सिर्फ रोमांस के बादशाह ही नहीं बल्कि हमारे दिलों के भी राजा हैं। शाहरुख खान ने दिल्ली टाइम्स के साथ एक इंटरवियू किया। इसमें उन्होंने तमाम अहम मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही उन्होंने फेयरनेस क्रीम ब्रांडों पर भी अपनी राय रखीं। साथ ही शाहरुख खान ने इस मौके पर अपनी बेटी सुहाना को दुनिया की सबसे खूबसूरत बताया।

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शाहरुख खान ने कहा, मैंने कभी भी किसी के साथ बेईमानी होने की कोशिश नहीं की है। मेरा मतलब है, मैं ऐसा करने के लिए कौन हूं? मैं कभी भी सबसे अच्छा दिखने वाला लड़का नहीं था, सबसे लंबा व्यक्ति नहीं था, सबसे सक्षम व्यक्ति, सबसे अच्छा डांसर नहीं था, यहां तक की मेरे पास बहुत अच्छे बाल भी नहीं हैं। इसके साथ ही मैं एक अभिनय स्कूल से नहीं आया। जिसने मुझे एक होने के लिए सिखाया।

इस बावजूद मैं हिंदी फिल्मों का हिरों बना। तो मैं कैसे किसी एक इंसान में ये सात-आठ चीजें एक साथ कैसे सोच सकता हूं। मेरी पत्नी, मेरे बच्चे, मैं सभी सामान्य लोग हैं और ऐसा कहकर, मैं अपने पूरे परिवार पर सवाल खड़ा कर दूंगा। मैं निम्न मध्यम वर्ग के लड़का हूं, इसमें कुछ भी ताम-झाम नहीं है। एकमात्र चीज जो मेरे लिए काम करती है वह ईमानदारी है। लेकिन अब मुझे देखो, मेरे स्टारडम के कारण, मैं भी अच्छा लग रहा हूं। मैं एक पोस्टर ब्यॉय बन गया हूं! मजाक क्या है? मेरे कमरे में चेरिल लाड और क्लिंट ईस्टवुड के पोस्टर होते थे। मेरी बेटी सावंली है, लेकिन वह दुनिया की सबसे सुंदर लड़की है और कोई भी मुझे अन्यथा नहीं बता सकता है।’ वेल शाहरुख के इस बयान से उनके फैंस जरूर खुश हो जाएंगे।

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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