फिल्म ‘धड़क’ में जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की एक्टिंग अलावा यदि किसी ने सबसे ज्यादा दर्शकों को ध्यान खींचा, तो वो ‘पुरुषोत्तम’ का किरदार निभाने वाले श्रीधर वत्सर थे. एक्टर श्रीधर वत्सर ने अपनी कॉमिक टाइमिंग से हर किसी का दिल जीत लिया. हिंदीरश से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान श्रीधर वत्सर ने अपनी लाइफ के बारे में खुलकर बात किया. उन्होंने बचपन से लेकर अपनी जिंदगी के रोचक किस्सों के साथ बताया कि फिल्म धड़क में उन्हें ‘पुरुषोत्तम’ का रोल कैसे मिला था.
सवाल: श्रीधर जी, आपक बचपन कैसे गुजरा? क्या आप पहले से ही एक्टर बनना चाहते थे?
श्रीधर: मैं बचपन में बहुत ही शर्मीला और इंट्रोवर्ट था. जब मैं 5वीं क्लास में था, तब मेरे माता-पिता को अंदाजा हुआ कि मेरी ग्रोथ नहीं हो रही है. इसके बाद वो परेशान हो गए. दवाइयों के अलावा उन्होंने तांत्रिक को भी दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने मुझे यह एहसास नहीं होने दिया कि मैं सबसे अलग हूं. हालांकि, बाद में मुझे पता चला कि मैं बाकी लोगों से अलग हूं. अलग दिखता हूं. मेरी लंबाई कम है. कॉलेज के दिनों में मेरी खूब रैगिंग हुई. मैंने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. मैंने अपने कॉलेज में एक नाटक देखा. इसके बाद मैं बहुत ही इम्प्रेस हो गया. उसके डायरेक्टर ने मुझसे पूछा कि क्या आप मेरे नाटक में काम करेंगे? मैंने हां कर दिया. यहीं से मेरे एक्टिंग का करियर शुरू हुआ. धीरे-धीरे मैंने थियेटर करना शुरू कर दिया. मुझे कई कॉम्पिटिशन में बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला. मेरे अंदर आत्मविश्वास जगा. मुझे लगने लगा कि लोग मेरी बात सुन रहे हैं.
सवाल: आपके टीवी करियर की शुरुआत कहां से हुई?
श्रीधर: मैंने साल 2001 में तारक मेहता का उल्टा चश्मा के दिलीप जोशी के साथ एक कॉमर्शियल नाटक किया था. अभी भी मुझे एक्टिंग में कुछ समझ नहीं आता, तो मैं दिलीप भाई से ही पूछता हूं. वो हमेशा मुझे मार्गदर्शन देते रहते हैं. टीवी में मैंने एक हॉरर शो में लिलिपुट के बचपन का किरदार किया था. इसके बाद मुझे सब टीवी का शो बालवीर मिला. उसमें मुझे एक एक्टर के तौर पर बहुत कुछ करने का मौका मिला. कभी मैं रजनीकांत बन गया, तो कभी चार्ली चैपलीन. मैंने करीब 60 किरदार किए. एक ही टीवी शो में इतने किरदार करने पर मुझे लिम्का से सम्मान भी मिला था.
सवाल: टीवी के बाद फिल्मों में ब्रेक कब मिला था?
श्रीधर: टीवी सीरियल करने के दौरान मैंने माइकल नामक एक फिल्म की थी. इसमें मैंने नसीरुद्दीन शाह के साथ काम किया था. मेरे काम को सराहा गया, लेकिन ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई. नेटफ्लिक्स पर मौजूद है. बालवीर के डेढ़ साल बाद मुझे फिल्म धड़क में ब्रेक मिला है.
सवाल: फिल्म धड़क में आपको रोल कैसे मिला था?
श्रीधर: कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने मुझे फोन किया था. मैं ऑडिशन देने के लिए चला गया. पहले मुझे पता नहीं था कि ये ऑडिशन धड़क के लिए हो रहा है. बाद में पता कि इस फिल्म से जाह्नवी कपूर लांच हो रही हैं. ये फिल्म सैराट की कहानी पर आधारित है. एक मराठी होने के नाते मैंने सैराट बहुत बार देखी है. इसका एक-एक सीन मुझे याद है. ऐसी फिल्म का हिस्सा बनने का मौका मिला, इसलिए मैं थोड़ा नर्वस और एक्साइटेड था. पहला ऑडिशन सोलो था. दूसरे में मुझे जाह्नवी और ईशान के साथ ऑडिशन देने का मौका मिला. इसके बाद शशांक सर ने मुझे सेलेक्ट कर लिया था.
सवाल: फिल्म ‘धड़क’ में आपने जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर के साथ काम किया. उनके साथ कैसा अनुभव रहा?
श्रीधर: एक एक्टर के तौर पर ईशान खट्टर बहुत ही मेच्योर है. ऐसा लगता है कि उसने लाइफ में कितना कुछ देख लिया है. 22 साल में कोई इतनी दुनिया नहीं देख पाता. बहुत ही सहज लड़का है. मस्ती करता है. म्युज़िक बजाता है. रिक्शे की सवारी करता है. जहां तक जाह्नवी की बात है, वो बहुत प्यारी लगी. सेट पर वो मुझे श्रीधर जी कहती थी. मेरी उम्र 40 साल की है, तो मुझे रिस्पेक्ट देती थी. श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी होने के बाद भी उसमें ज़रा भी घमंड नहीं है.