Dilip Kumar Birthday: बॉलीवुड में ‘ट्रेजडी किंग’ दिलीप कुमार (Dilip Kumar) एक ऐसे अभिनेता के रूप में शुमार किये जाते है जिन्होंने दमदार अभिनय और जबरदस्त संवाद अदायगी से सिने प्रेमियों के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उस दौर में हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर डेविड लीन ने दिलीप कुमार को अपनी फिल्म ‘लॉरेन्स ऑफ अरेबिया’ में प्रिंस शेरीफ अली के किरदार के लिए बात की थी। डेविड लीन की पिछली फिल्म ‘द ब्रिज ऑन द रिवर क्वाई’ को 7 ऑस्कर अवार्ड मिल चुके थे, लेकिन जब डेविन ने दिलीप साहब से फिल्म के प्रस्ताव के बारे में बात की तो दिलीप कुमार ने उनकी फिल्म में काम करने से साफ़ इंकार कर दिया था। आइये उनके जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं आखिर मना करने की क्या थी वजह!
हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर डेविड लीन को मना करने को लेकर कहा जाता है कि दिलीप कुमार को कभी भी हॉलीवुड फ़िल्में पसंद नहीं आईं। इतना ही नहीं उन्हें हॉलीवुड की फिल्मों में काम करने का कोई शौक भी नहीं था। इसी के साथ ही दिलीप कुमार को लगता था कि वो इस फिल्म में फिट नहीं हो पाएंगे और बाहरी दिखेंगे।
दिलीप कुमार की अनसुनी बातें! (Unknown Facts Of Dilip Kumar)
*दिलीप कुमार एक बेहतरीन क्रिकेटर बनना चाहते थे, वह अपने परिवार के साथ कारोबार के सिलसिले में मुंबई रहने लगे। उस दौरान क्रिकेट उनका जुनून बन गया था। वह दिन रात क्रिकेट का ख्वाब देखते थे।
*यह तो कई लोगों को पता होगा कि दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है। लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि अपना नाम उन्होंने ऐक्ट्रेस देविका रानी के कहने पर बदला था। दिलीप कुमार से पहले उनका नाम वामन कुमार या उदय कुमार भी रखने पर सोचा जा रहा था।
*दिलीप कुमार और दिवंगत अभिनेत्री मधुबाला के बीच लंबा और बहुत गहरा प्यार था। उनकी प्रेम-कहानी बहुत फेमस भी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक मधुबाला की दिलीप कुमार से सगाई भी हो गई थी लेकिन किसी बात पर दिलीप और उनके पिता का विवाद हो गया और दोनों का ब्रेकअप हो गया।
*दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो उनसे 22 साल छोटी हैं। जब दिलीप की शादी सायरा से हुई तब वह 44 और सायरा 22 साल की थीं।
*बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी की नजर जब दिलीप कुमार पर पड़ी तो उन्होंने दिलीप को गौर से देखा और पूछा कि एक्टिंग करोगे। जिसके जवाब में दिलीप कुमार बोले कि मुझे नहीं आती, देविका ने उन्हें कहा सीख जाओगे। इस तरह फ़िल्मी करियर में उनका पहला कदम बढ़ा।
*दिलीप कुमार ने बॉम्बे टॉकीज में 1250 रुपए महीने के की सैलरी पर काम करने लगे, लेकिन उन दौरान एक्टिंग का पेशा काफी बदनाम था। लिहाजा दिलीप कुमार पर्दे के पीछे काम करने लगे। साल 1944 में वह रुपहले पर्दे पर ज्वार भाटा बनकर उभरे।
*फिल्मों में आने से पहले दिलीप कुमार फल बेचते थे। बॉम्बे टॉकीज की देविका रानी से मिलने के बाद वह फिल्मों में आए।
*अपनी जवानी के दिनों में दिलीप कुमार ने एक क्लब में भाषण देते हुए कहा कि आज़ादी की लड़ाई जायज़ है और ब्रिटिशों की वजह से ही हिन्दुस्तान में सारी मुसीबतें पैदा हो रही हैं। इस क्रान्तिकारी भाषण पर तालियां तो ख़ूब बजीं लेकिन वहां पुलिस आ गयी और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।
*दिलीप कुमार 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं। इसके साथ ही वह 19 बार फिल्मफेयर नॉमिनेशन में आए। दिलीप कुमार को दादा फाल्के अवॉर्ड, पद्मभूषण अवॉर्ड और सर्वोच्च सम्मान भी मिल चुका है। इसके अलावा, उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्चा नागरिक सम्मान भी मिला है।
*दिलीप कुमार और सायरा बानो के बच्चे नहीं हैं। सायरा बानो ने एक बार कहा था कि शाहरुख और दिलीप के बाल एक जैसे हैं और वह जब शाहरुख से मिलती हैं तो उनके बालों पर हाथ जरूर फेरती हैं। दोनों उन्हें बेटे जैसा मानते हैं।
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