अभिनेता दिलीप कुमार को संपत्ति विवाद केस में सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के जज बर्गेस कोलाबावाला ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी तरह देखने से साफ जाहिर हो रहा है कि ट्रिब्यूनल ने दिलीप कुमार के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कुमार को उनकी संपत्ति पर अधिकार देने के लिए कहा जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण था। यह मामला 25 करोड़ रुपये की सीमा तक मध्यस्थता का विषय था, जोकि वास्तविकता में अब नहीं है।
कोर्ट ने आगे कहा कि ट्रिब्यूनल यह तय नहीं करेगा कि दिलीप कुमार को नुकसान की कितनी भरपाई करनी होगी। ट्रिब्यूनल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद गलत निर्देश दिए। इन निर्देशों के बाद ही डेवलपर ने अथॉरिटी से नुकसान की भरपाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ट्रिब्यूनल को नुकसान का आंकलन करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने यह आदेश तब दिया है जब मध्यस्थता ट्रिब्यूनल में दाखिल याचिका के तहत डेवलपर ने नुकसान की भरपाई के लिए दिलीप कुमार से 176 करोड़ रुपये की मांग की थी।
डेवलपर ने अपनी याचिका में कहा था कि दिलीप कुमार ने साल 2006 में पाली हिल वाले बंगले को बनाने के लिए एग्रीमेंट किया था। बाद में उन्होंने यह करार तोड़ दिया और किसी दूसरे बिल्डर को इसका काम सौंप दिया। जिसके बाद पहले बिल्डर ने साल 2015 में हाईकोर्ट का रुख किया और फिर वह सुप्रीम कोर्ट गए। मई 2018 में शीर्ष अदालत ने इस मामले में मध्यस्थ नियुक्त किया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिलीप कुमार को 20 करोड़ रुपये जमा करने का भी आदेश दिया था। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने इस रकम को 25 करोड़ रुपये कर दिया था, जो अभिनेता को देनी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के इसी आदेश को रद्द किया है।
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