क्या आप जानते हैं शाहरुख खान के नाना थे क्रांतिकारी शाहनवाज खान, उतरवाया था लाल किले से ब्रिटिश हुकूमत का झंडा

शाहरुख के नाना का नाम शाहनवाज खान (Shah Nawaz Khan) था, वो एक ऐसे क्रांतिकारी थे जो आजाद हिंद फौज से जुड़े थे शाहनवाज खान एक ऐसी शख्सियत थे, जो सुभाषचंद्र बोस के बेहद करीबी माने जाते थे.उन्होंने आजाद हिंद फौज में मेजर जनरल के पद पर रहकर अपनी सेवाएं दी थीं.

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क्या आप जानते हैं शाहरुख खान के नाना थे क्रांतिकारी शाहनवाज खान, उतरवाया था लाल किले से ब्रिटिश हुकूमत का झंडा

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) बॉलीवुड के फेमस एक्टर में से एक है. उन्हे इंडस्ट्री में किंग खान के नाम से जाना भी जाता है, लेकिन क्या आप जानते है की शाहरुख के नाना कोन हैं? और उनका नाम क्या था? तो चलिए आज हम आपको बताते है उस शख्स के बारे में

ऐसे क्रांतिकारी थे जो आजाद हिंद फौज से जुड़े थे

शाहरुख के नाना का नाम शाहनवाज खान (Shah Nawaz Khan) था, वो एक ऐसे क्रांतिकारी थे जो आजाद हिंद फौज से जुड़े थे शाहनवाज खान एक ऐसी शख्सियत थे, जो सुभाषचंद्र बोस के बेहद करीबी माने जाते थे.उन्होंने आजाद हिंद फौज में मेजर जनरल के पद पर रहकर अपनी सेवाएं दी थीं.

शाहनवाज खान का सुभाषचंद्र बोस से हुआ संपर्क

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 1943 में शाहनवाज खान का सुभाषचंद्र बोस से संपर्क हुआ था. जिसके बाद वो नेताजी के प्रभाव में आकर आजाद हिंद फौज का हिस्सा बन गए. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए एक खास उपलब्धि हासिल की थी. दरअसल, उन्होंने लाल किले में ब्रिटिश साम्राज्य का झंडा उतारकर भारतीय तिरंगा फहराया था

शाहनवाज खान और शाहरुख खान का गहरा नाता

खबरों के अनुसार शाहरुख खान की मां लतीफ फातिमा, स्वतंत्रता सेनानी शाहनवाज खान की गोद ली हुई बेटी थीं. शाहनवाज खान इस रिश्ते से शाहरुख खान के नाना लगते हैं. शाहनवाज खान और शाहरुख खान का गहरा नाता था.

शाहनवाज खान जब हिंद फौज से जुड़े

शाहनवाज का जन्म  24 जनवरी 1914 को पाकिस्तान के रावलपिंडी के गांव मटौर में हुआ था .वे अविभाजित भारत के उस दौर में देहरादून में स्थित ‘प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इंडियन मिलिट्री कॉलेज’ से पढ़ाई करने के बाद, ब्रिटिश इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएं देने लगे थे. वे जब नेताजी के प्रभाव में आए तो उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत का साथ छोड़ा दिया और आजाद हिंद फौज से जुड़ गाए थे  इसके बाद उन्होंने  कई क्रांतिकारियों को आजाद हिंद फौज में भर्ती करवाया था. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी, जिसकी वजह से ब्रिटिश हुकूमत ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा तक दायर किया था, लेकिन इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा और वे अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते रहे. वही जब भारत को आजी हासील ही तो वो कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए. वे मेरठ से चार बाद सांसद रहे और केंद्र सरकार में मंत्री के तौर पर 20 सालों से ज्यादा समय तक देश को अपनी सेवाएं दीं.

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Story Author: chhayasharma

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