प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर हर रोज घमासान हो रहा है। इसके फिल्ममेकर्स पर लोकसभा चुनाव के चलते लागू आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लग रहा है। विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। कहा जा रहा है कि आयोग फिल्म की रिलीज पर रोक नहीं लगाएगा। आयोग की ओर से गेंद अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के पाले में डाल दी गई है। आयोग ने इस मामले में आखिरी फैसला सेंसर बोर्ड को लेने को कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चुनाव आयोग ने अभी इस फैसले की पुष्टि नहीं की है, हालांकि आयोग से जुड़े सूत्र इस खबर को कंफर्म कर रहे हैं। फिलहाल फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का फैसला अब सेंसर बोर्ड को करना है। फिल्म की रिलीज में महज दो दिन बाकी रह गए हैं। इससे पहले कांग्रेस की ओर से एक शिष्टमंडल मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुका है। जिसके बाद आयोग ने फिल्ममेकर्स को नोटिस जारी किया था।
बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर बॉम्बे और दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थीं। बीते सोमवार को दोनों ही याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग फैसला करेगा। आयोग की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्होंने फिल्ममेकर्स से जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय पीएम मोदी का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर और कई गाने रिलीज हो चुके हैं।
विवेक ओबेरॉय ने कहा, ‘ये फिल्म उस शख्स की कहानी है जिसने करोड़ों लोगों को प्रेरित किया है। ये एक ऐसे चाय बेचने वाले शख्स की कहानी है जो आज देश का प्रधानमंत्री है। उनकी (नरेंद्र मोदी) कहानी सभी को मालूम होनी चाहिए। मैंने ये फिल्म इसलिए की क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने मुझे प्रेरित किया।’ फिल्म के लोकसभा चुनाव से पहले रिलीज होने को लेकर अभिनेता ने कहा, ‘ये महज एक इत्तेफाक है। ये चुनावी प्रचार की रणनीति नहीं है। वो (नरेंद्र मोदी) करोड़ों लोगों के हीरो हैं।’
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