आज से 44 साल पहले 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक इंडिया में 21 महीनों के लिए इमरजेंसी (Emergency 1975) लगाई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की सलाह पर इमरजेंसी लगाई थी। 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई थी। इस दौरान लोगों के मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया गया था।
आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी शुरू की गई। इसके साथ ही समाचार पत्रों यानि प्रेस पर भी शिकंजा कसते हुए उनपर भी रोक लगा दिया गया था। इस इमरजेंसी के कई लोग शिकार हुए। इसमें से एक बॉलीवुड के फेमस सिंगर किशोर कुमार (Kishore Kumar) भी थे। इस दौरान किशोर कुमार के गाने को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर दिखाने और बजाने पर रोक लगा दिया गया था।
इसके पीछे की कहानी काफी चौंकाने वाली है। दरअसल इमरजेंसी के दौरान प्रसारण औ सूचना मंत्री विद्याचरण शुक्ला (Vidya Charan Shukla) जानी-मानी हस्तियों की मदद लेकर सरकार का 20 सूत्रीय प्रोग्राम लोगों तक पहुंचाना चाहते थे। इन हस्तियों की लिस्ट में किशोर कुमार का भी नाम शामिल था।
इसे लेकर मंत्रालय के तत्कालीन ज्वॉइंट सेक्रेटरी सीबी जैन ने किशोर कुमार (Kishore Kumar Song Ban) से संपर्क कर संदेश दिया कि सरकार की अपेक्षा है कि उसके कार्यक्रम के प्रचार के लिए किशोर अपनी आवाज देकर सहयोग करें। लेकिन किशोर कुमार ने सेहत से जुड़े कारण बताते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया। किशोर कुमार का ये रवैया सरकार को पसंद नहीं आया। सिंगर का ये जवाब जैन ने अपने बॉस यानी मंत्रालय के सचिव एसएमएच बर्नी को बताई।
बर्नी ने मंत्री विद्याचरण शुक्ला से बातचीत की और आदेश जारी करके किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाने पर रोक लगा दिया गया। साथ ही, जिन फिल्मों में किशोर कुमार बतौर अभिनेता दिखे थे, उन पर भी रोक लगा दी गई थी। यहीं नहीं, बल्कि किशोर कुमार के गानों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड की बिक्री भी रोक लगा कर दी गई थी।
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