एक्सक्लूसिव: इस वेब सीरीज से होगा अरशद वारसी का डिजिटल डेब्यू, फिल्म फ्रॉड सइयां में किया ऐसा रोल

'फ्रॉड सैंया' एक कॉमेडी फिल्म है। प्रकाश झा की अगुवाई में सौरभ श्रीवास्तव ने फिल्म को डायरेक्ट किया है। यहां हम आपको बताते हैं कि अरशद वारसी ने इस फिल्म, सर्किट की पहचान और वेब सीरिज ट्रेंड को लेकर हिंदी रश से क्या बात की...

अरशद वारसी हिंदी रश को इंटरव्यू देते हुए।

बॉलीवुड के सर्किट यानि अरशद वारसी वैसे तो फिल्मों में कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन उनकी पहचान बनी ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ से। उन्हें एक नया नाम मिला सर्किट। इसके लिए उन्हें कई अवार्ड भी मिले। इसके बाद उन्होंने मुन्ना भाई के सीक्वल में ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में भी सर्किट रोल निभाया। यहां से उन्होंने कई फिल्मों में कॉमिक रोल करना शुरू किया।

अरशद वारसी ने रोहित शेट्टी गोलमाल सीरिज में काम किया। इतने कॉमिक रोल के बाद भी उन्होंने ‘इश्किया’ और ‘डेढ़ इश्किया’ जैसे इंटेसिव रोल भी किए। अब एक फिर अरशद एक कॉमिक रोल निभा रहे हैं। इन दिनों वह अपनी फिल्म ‘फ्रॉड सैंया’ के प्रमोशन में लगे हुए हैं। ‘फ्रॉड सैंया’ एक कॉमेडी फिल्म है। प्रकाश झा की अगुवाई में सौरभ श्रीवास्तव ने फिल्म को डायरेक्ट किया है। यहां हम आपको बताते हैं कि अरशद वारसी ने इस फिल्म, सर्किट की पहचान और वेब सीरिज ट्रेंड को लेकर हिंदी रश से क्या बात की….

हिंदी रश- आपकी बाकी फिल्म के मुकाबले इस फिल्म क्या खास बात है?
अरशद वारसी- कहानी है तो मजेदार। व्हाइट सेल्फर्स है। यह स्क्रिप्ट पूरी तरह से ऑर्गेनिक और प्यॉर है क्योंकि वहां लोग ऐसे हैं और उनकी सोच ऐसी है। उसी लिए हंसी आती है। जिस तरह की बात करते हैं और जिस तरह के वह जुगाड़ू है, वो देखकर हंसी आती है। इसके अलावा एक कहानी है। बिल्कुर फर्स्ट क्लास कहानी है। कैरेक्टर की जिंदगी और जद्दोजहद है, उसका उस औरत का कैरेक्टर है कि वह कौन है और जो दिखता है, वह है नहीं, उसका क्या कनेक्शन है कहानी से। उसका और इस कैरेक्टर का क्या रिलेशन है। कहानी बहुत ही जबरदस्त था। इसका स्टार्टिंग ट्रीटमेंट बहुत अच्छा था।

हिंदी रश- शूटिंग के दौरान कुछ यादगार लम्हे या घटना का बारे में बताना चाहते हो?
अरशद वारसी- इतना बड़ा क्रू था तो मजे तो आएंगे। कुछ हरकते हमने की। मैं और सौरभ गाड़ी के शॉट के लिए ड्राइविंग का शॉट था। सीधा था। डायरेक्टर ने कहा कि आप जाइए 100 मीटर सीधे जाकर ऐसे मुड़ जाएंगे। सुबह-सुबह ठंडी का मौसम था। देखा रास्ते में एक ठेला देखा। जहां ब्रेड पकौड़ा और चाय बन रही थी तो हमने गाड़ी रोकी और बैठकर चाय-ब्रेड पकौड़े खाया। डायरेक्टर इंतजार कर रहे थे कि अब गाड़ी आएगी अब गाड़ी आएगी। बीच में प्रकाश झा हंसते हुए बोलें-एक्शन पर ब्रेड पकौड़े खाए जा रहे थे। फिर ने अरशद ने कहा- तो इस तरह की हरकतें हुईं।

हिंदी रश- ऐसा क्यों होता है कि जब भी अरशद वारसी का जिक्र होता है ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ का सर्किट ही क्यों पर्याय में रहता है।
अरशद वारसी- कुछ किस्मत वाले एक्टर होते हैं। जो अपनी जिंदगी में जो किरदार करते हैं, जो लोगों को बहुत पसंद आता है और कैरेक्टर से बहुत ऊपर चला जाता है। ये बहुत कम एक्टर के साथ होता है। गब्बर सिंह एक है। जिंदगी भर लोगों ने उन्हें गब्बर सिंह बुलाया। आप कुछ नहीं कर सकते। कुछ-कुछ किरदार ऐसे होते हैं जो लोगों के जहन में रहता है। सर्किट का किरदार भी इसी तरह है। कैरेक्टर लोगों के दिमाग में हैं।

हिंदी रश- आपने रोहित शेट्टी, राजकुमार हिरानी जैसे डायरेक्टर के साथ काम किया, तो अब प्रकाश झा के साथ आपका अनुभव कैसा रहा? क्या अलग लगा?
अरशद वारसी- मैं इंतजार कर रहा हूं कि कब प्रकाश जी के अंडर डायरेक्ट के तौर पर काम करूं। क्योंकि इसमें तो वह एक रिप्रिजेंटर थे। हमने इसमें उनकी छत्रछाया के अंदर काम किया है। इन्होंने एक भी निर्देश नहीं दिया।

हिंदी रश- वेब सीरिज का इस समय क्रेज चल रहा है?क्या आप तैयारी में है?
अरशद वारसी- हां, मैं कर रहा हूं। इसका नाम है असुरा है। वूट के लिए है। इसकी कहानी बहुत ही अच्छी है। बिल्कुल फर्स्ट क्लास है।

यहां देखिए अरशद वारसी का इंटरव्यू…

यहां देखिए अरशद वारसी की तस्वीरें…

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।