राज कपूर से लेकर विनोद खन्ना…पाकिस्तान में पैदा हुए इन 9 बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने हिन्दुस्तान को बनाया अपना घर

भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिल रही थी लेकिन एकता की कीमत के चलते देश दो देशों में बंट गया. साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा के चलते दोनों तरफ से बंट गया. बंटवारे के बाद इन बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने भारत को अपना घर बनाया.

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राज कपूर से लेकर विनोद खन्ना…पाकिस्तान में पैदा हुए इन 9 बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने हिन्दुस्तान को बनाया अपना घर

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देशभर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी स्वतंत्रता दिवस ( 15 अगस्त ) को जोरशोर से मनाने की तैयारी है. साल 1947 में 15 अगस्त को ही देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ और इसी दिन से हर साल पूरे देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. वहीं 14 और 15 अगस्त के दिन ऐसे भी हैं जिन्हें दो देशों, पाकिस्तान और भारत के लोगों द्वारा आसानी से नहीं भुलाया जा सकेगा. सुरक्षा के लिए लाखों लोगों को सीमाओं के पार अपना घरवार छोड़कर भागना पड़ा. हां, भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिल रही थी लेकिन एकता की कीमत के चलते देश दो देशों में बंट गया. साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा के चलते दोनों तरफ से बंट गया. बंटवारे के बाद इन बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने भारत को अपना घर बनाया.

सुनील दत्त (Sunil Dutt)

हिंदी सिनेमा में कई ऐसे अभिनेता हैं जो अपने जमाने में भले ही सुपरस्टार न रहे हों लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उन्हें खूब पसंद करते हैं. ऐसे अभिनेताओं की लिस्ट में सुनील दत्त (Sunil Dutt) का नाम भी शामिल है. उन्हें न केवल फिल्मी दुनिया में प्रसिद्धि मिली, बल्कि उनका राजनीतिक करियर भी बेदाग रहा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुनील दत्त का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. जी हां, आपने सही पढ़ा, सुनील दत्त का जन्म 6 जून, 1929 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तर में झेलम में हुआ था. 25 मई, 2005 को सुनील दत्त का मुंबई के बांद्रा स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

गुलज़ार (Gulzar)

यदि आप गुलज़ार (Gulzar) साहब के प्रशंसक हैं, तो उन्हें निश्चित रूप से किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. संपूर्ण सिंह कालरा को पेशेवर रूप से गुलज़ार के नाम से जाना जाता है, जो अपने शब्दों – गीतों और कविताओं के लिए जाने जाते हैं. गुलजार साहब ने पीढ़ियों को मोहित किया है. गुलज़ार उन लेखकों और कवियों में से हैं, जो उन लोगों के दिलों और दिलों पर कब्जा करने में कामयाब रहे हैं जहाँ उम्र कोई रोक नहीं है. उन्होंने जिस तरह से गीत और नज़्म लिखे हैं, वह दर्द, दिल की तड़प और दुःख को व्यक्त करने के लिए बेहद हैं, यह अतुलनीय है. उन्हें 1963 में फिल्म बंदिनी में एक गीतकार के रूप में पहला बड़ा ब्रेक मिला. हालाँकि, लेखन के प्रति उनके जुनून और प्रेम को उस समय उनके परिवार के सदस्यों का समर्थन नहीं था और वे यह नहीं समझते थे कि लेखन उन्हें करियर बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन ‘जिद्दी’ (एक जिद्दी) के रूप में, जैसा कि वह खुद होने का दावा करते हैं, आज उनके बॉलीवुड गाने, कविताएं और नज़्म प्रासंगिक और प्रिय हैं. गुलज़ार का जन्म 18 अगस्त, 1934 को पाकिस्तान के दीना में हुआ था.

शेखर कपूर (Shekhar Kapur)

शेखर कपूर (Shekhar Kapur) एक भारतीय फिल्म निर्देशक और निर्माता हैं, जिन्हें उनकी निर्देशित फिल्मों मासूम (1983), मिस्टर इंडिया (1987), बैंडिट क्वीन (1994) आदि के लिए जाना जाता है. उन्होंने ‘जान हाजिर है’ और ‘टूटे खिलाड़ी’ जैसी सर्वल फिल्मों में भी काम किया लेकिन उनका करियर एक अभिनेता के रूप में कभी सफल नहीं रहा. 1998 में अकादमी पुरस्कार विजेता पीरियड फिल्म ‘एलिजाबेथ’ का निर्देशन करने के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. शेखर कपूर का जन्म 6 दिसंबर को लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था.

 

दिलीप कुमार (Dilip Kumar)

क्या बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार (Dilip Kumar) जैसे व्यक्ति का किसी तरह वर्णन किया जा सकता है? वो आज भी हमारे बीच में जिंदा हैं. भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार का जो योगदान है वो उन्हें हमेशा अपूरणीय बनाता है. एक अभिनेता के रूप में, भारतीय सिनेमा में उनका योगदान निर्विवाद है. क्या आप जानते हैं कि दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था. उनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में 12 बच्चों में से चौथा था, जो अब पाकिस्तान में है. दिलीप कुमार ने ‘जुगनू’, ‘शहीद’, ‘अंदाज’, ‘जोगन’, ‘दाग’, ‘आन’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ और ‘मुगल-ए-आजम’ जैसी सुपरहिट फिल्में कीं. 25 साल की उम्र में वह भारतीय उद्योग में नंबर एक अभिनेता बन गए.

राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar)

राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) एक शानदार और हैंडसम अभिनेताओं में से एक थे, जिन्हें ‘जुबली कुमार’ के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उनकी सभी फिल्में 1960 में ‘सिल्वर जुबली’ थीं. उन्होंने साल 1950 में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू किया और 80 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. विभाजन के बाद, उन्होंने अपने परिवार के साथ बॉम्बे की एक कठिन यात्रा की.

पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor)

पृथ्वीराज कपूर (Praithviraj Kapoor), भारतीय रंगमंच और हिंदी फिल्म उद्योग के अग्रणी अभिनेता रहे, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के मूक युग में अपना करियर शुरू किया. पृथ्वीराज कपूर पृथ्वी थिएटर से अपने स्वयं के थिएटर सेट स्थापित करने में कामयाब रहे. भारत का पहला फ़िल्मी परिवार- कपूर परिवार, जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को अभिनेताओं की पांच पीढ़ियां दी हैं. फिल्मों में काम करने वाले परिवार के सदस्यों की अधिकतम संख्या रखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश किया है. पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर, 1906 को पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था.

राज कपूर (Raj Kapoor)

फिल्म इंडस्ट्री के शो मैन कहे जाने वाले राज कपूर (Raj Kapoor) हमेशा भारतीय सिनेमा के मूल और महानतम अभिनेताओं में से रहेंगे. राज कपूर का इंडस्ट्री में करीब 50 सालों तक कैमरे के सामने और पीछे एक शानदार करियर रहा है. उनकी फिल्मों ने प्यार, जीवन और आम आदमी के संघर्षों के बारे में बात की. खुद एक भव्य जीवन जीने के बावजूद, उनकी फिल्मों ने हर भारतीय की वास्तविकता और वास्तविक पीड़ा की बात की. ‘बूट पोलिश’ हो, ‘श्री 420’, ‘जागते रहो’ या ‘अनाड़ी’, उनकी सभी 72 फिल्में अपने आप में फिल्म निर्माण की एक पूरी लाइब्रेरी हैं. राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था.

विनोद खन्ना (Vinod Khanna)

विनोद खन्ना (Vinod Khanna) की पहचान सिल्वर स्क्रीन के सनसनी अभिनेता के रूप में थी. साल 1987-1994 तक विनोद खन्ना सबसे अधिक भुगतान पाने वाले हिंदी अभिनेताओं में से एक थे. वह बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में से एक थे, जो 141 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिए. विनोद खन्ना को ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘दबंग’ फ्रेंचाइजी, ‘कुर्बानी’, ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी फिल्मों में उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 में पाकिस्तान के पेशावर में एक व्यवसायी परिवार में हुआ था.

प्रेम चोपड़ा (Prem Chopra) 

फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे दिग्गज अभिनेता हैं जिन्होंने सालों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया है. किसी ने हीरो तो किसी ने विलेन के तौर पर अपनी पहचान बनाई है. अनुभवी अभिनेता प्रेम चोपड़ा (Prem Chopra) उनमें से एक हैं. उन्होंने अपने करियर में 380 से अधिक फिल्मों में काम किया. संयोग से उन्होंने नायक के रूप में नहीं बल्कि खलनायक के रूप में दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाई. प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर, 1935 को लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था।

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Story Author: lakhantiwari

मेरा नाम लखन तिवारी है और मैं एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट के रूप में पिछले 6 वर्षों से काम कर रहा हूं. एंटरटेनमेंट की खबरों से खास लगाव है. बॉलीवुड की खबरें पढ़ना और लिखना दोनों ही पसंद है.

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