कोच रमाकांत आचरेकर का 87 उम्र में हुआ निधन, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कुछ यूं जताया दुख

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)  को क्रिकेट (Cricket) की बारिकियां सीखने वाले उनके बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) का आज यानी बुधवार को निधन (Death) हो गया।

कोच रमाकांत आचरेकर के साथ सचिन तेंदुलकर

भारत के बेहतरीन क्रिकेटर (Cricketer)  में से एक आने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को जब भी हम मैदान में खेलते हुए देखते थे तो हमारे मन में एक ही बात आती थी वाह क्या खेलता है। लेकिन सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)  को क्रिकेट (Cricket) की बारिकियां सीखने वाले उनके बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) का आज यानी बुधवार को निधन (Death) हो गया। 87 साल में सचिन के गुरु रमाकांत ने अंतिम सांसे ली है। अपने गुरु के निधन की खबर सुनने के बाद सचिन दुख में पूरी तरह से डूब गए हैं।

अपने कोच के निधन पर सचिन तेंदुलकर ने कहा आचरेककर सर की मौजूदगी में स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा। आप जहां भी हैं, वहां और सिखाते रहें। उनके कई छात्रों की तरह, मैंने सर के मार्गदर्शन में क्रिकेट की अपनी एबीसीडी सीखी। मेरे जीवन में उनके योगदान को शब्दों में कैद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने उस नींव का निर्माण किया, जिस पर मैं खड़ा हूं। पिछले महीने, मैं अपने कुछ छात्रों के साथ सर से मिला और साथ में कुछ समय बिताया। हमने पुराने समय को याद करते हुए एक हंसी भरे पल शेयर किए।

इसके साथ ही सचिन ने कहा,’ आचरेकर सर ने हमें सीधे खेलने और सीधे जीवन जीने के गुण सिखाए। हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाने और अपने कोचिंग मैनुअल से हमें समृद्ध बनाने के लिए धन्यवाद। वेल प्लेडसर आप जहां भी है वहां और सिखाते रहें।’ सचिन तेंदुलकर के अलावा कोच आचरेकर ने विनोद कांबली और अजीत अगरकर को भी कोचिंग दी, जिन्होंने भारत के लिए 100 से अधिक मैच खेले। अन्य विद्यार्थियों में चंद्रकांत पंडित, संजय बांगर, प्रवीण आमरे और रमेश पोवार शामिल थे जिन्होंने कोच के रूप में सफलता हासिल की। पिछले साल शिक्षक दिवस पर, तेंदुलकर ने खुलासा किया कि कैसे उन्हें आचरेकर द्वारा अनुशासित किया गया था और इसने उनके करियर को सही रास्ते पर रखने में मदद की थी।

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अपने पिता के साथ सचिन…

दीपाक्षी शर्मा :सभी को देश और दुनिया की खबरों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट जगत से रुबरु कराने का काम करती हूं। राजनीतिक विज्ञान का ज्ञान लेकर एमए पास किया है। मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा के बाद फिलहाल पत्रकारिता कर रही हूं।