#MeToo पर फंसे साजिद खान की ऐसे ‘जांच-पड़ताल’ करेंगे फरहान अख्तर

साजिद खान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। 'वी द वीमेन' के दौरान साजिद खान के रिश्तेदार भाई फरहान अख्तर से सवाल किए गए।

साजिद खान (Sajid Khan) पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ‘वी द वीमेन’ (We The Women) कार्यक्रम में शिरकत करने गए साजिद खान के रिश्तेदार भाई और एक्टर फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) से सवाल किए गए। इस पर उन्होंने बड़ी बेबाकी के साथ अपनी राय रखी। फरहान अख्तर ने कहा कि साजिद खान क्या है और नहीं हैं ये जानकर मैं दोषी महसूस नहीं किया हूं। उन्होंने यह भी कहा, ‘जब मेरे परिवार में ऐसा कुछ होता है तो मैं खामोश हो जाता हूं। उनके सामने बोल नहीं पाता हूं। लेकिन ये थोड़ा संकुचित करने वाला है।’ वैसे यह जान लें कि साजिद खान पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

‘वी द वीमेन’ कार्यक्रम में फरहान अख्तर ने कहा, ‘इस तरह के केस पब्लिक डोमन में आए दिन होते रहते हैं। मैं अपने विचारों के साथ बहुत खुलकर बोलता हूं। जब ऐसे केस मेरे परिवार में आते हैं तो मैं थोड़ा चुप-सा हो जाता हूं जो कि सही नहीं है। लेकिन जैसे ही मुझे पता चला कि तीन महिलाओं ने साजिद खान पर यौन उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए हैं तो मैं बोल पड़ा। ये वाकई बढ़िया है मेरे लिए की पहली बार परिवारिक मुद्दे पर बोला मैं। मुझे लगता है कि साजिद खान के साथ मुझे काम करने की जरूरत है ताकि ये जान सकूं कि वे किस तरह से व्यवहार करते हैं। आखिर वे क्या करते हैं जिससे कि महिलाओं को परेशानी हो जाती है।’

और छोड़नी पड़ी फिल्म
बताते चलें कि तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर केस के बाद साजिद खान पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे। इसके बाद उनको अक्षय कुमार और नाना पाटेकर की फिल्म हाउसफुल- 4 छोड़नी पड़ी। हालांकि साजिद खान ने अपनी मर्जी से फिल्म छोड़ दी थी। इसके बाद नाना पाटेकर को फिल्म से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इससे पहले भी फरहान ने साजिद खान को लेकर कहा था कि वे बहुद ही दुखी है। वे चाहते हैं कि उनके भाई अपने आप को साबित करें। अपनी सफाई में साजिद खान ने कहा था कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया है। साजिद खान के अलावा रजत कपूर, पियूष मिश्रा, कैलाश खेर, आलोकनाथ जैसे एक्टर पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगे।

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रवि गुप्ता :पत्रकार, परिंदा ही तो है. जैसे मैं जन्मजात बिहारी, लेकिन घाट-घाट ठिकाने बनाते रहता हूं. साहित्य-मनोरंजन के सागर में गोते लगाना, खबर लिखना दिली तमन्ना है जो अब मेरी रोजी रोटी है. राजनीति तो रग-रग में है.