दादासाहेब पुरस्कार फाल्के पुरस्कार विजेता कैलाशम बालचंदर की पत्नी राजम बालचंदर (Rajam Balachander) का आज सुबह चेन्नई में निधन हो गया। राजम बालचंदर की उम्र 82 वर्ष की थीं। उन्हें कवितालाया प्रोडक्शंस के बैनर के तहत अग्नि साक्षी, अचमिल्लै अचमिल्लाई, सिंधु भैरवी, रोजा, जाथी मल्ली जैसी फिल्मों के लिए अवार्ड मिला था। तमिल फिल्मों के अलावा, के बालचंदर ने ऐना, एक दूजे के लिए और ज़रा सी जिंदगी जैसी हिंदी फिल्म भी बनाई हैं, जिन फिल्मों ने लोगों के दिलों में राज किया है।
वहीं इस साल की शुरुआत में खबरें आईं थी कि इनका ऑफिस और कवितालाया प्रोडक्शंस नीलाम होने वाला हैं। लेकिन इनके द्वारा एक बयान जारी हुआ था इसमें इन अफवाहों का झूठा बताया गया था। जारी बयान में कहा गया था कि उन्होंने लोन लिया है जिसके तहत बैंक से एक नोटिस आया था, जिसके चलते इस तरह की अफवाहों को हवा मिली।
गौरतलब है कि बालचंदर का निधन पिछले साल हो गया था। वो उन्होंने वर्ष 1965 में कदम रखा था। कैलाशम बालचंदर को दौरा पड़ा था। उन्होंने तकरीबन 150 से ज्यादा फिल्में बनाई थी। उन्होंने साउथ के सुपरसिटार कमल हासन, रजनीकांत, श्रीदेवी सरिता, प्रकाश राज जैसे कलाकारों को पर्दे पर छाने का श्रय उन्हीं को जाता है। वहीं कैलाशम बालचंदर फिल्मों में आने से पहले एक शिक्षक थे। इसी के साथ वो महालेखाकार के कार्यालय में अधीक्षक भी रहे।
बताते चलें कि तमिलनाडु सरकार ने 1973 में बालचंदर को कलाइमामनि की उपाधि दी थी। वर्ष 1987 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वहीं वर्ष 1992 में उन्हें तमिलनाडू सरकार की ओर से ‘अन्ना अवॉर्ड’ से नवाजे गए। वहीं बेस्ट फीचर फिल्म के लिए उन्हें ‘गोल्डन नंदी अवॉर्ड’ तो मिला ही, कई बार सिल्वर नंदी अवॉर्ड भी पा चुके हैं। इसके साथ ही 1995 वर्ष फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट, ए,एन.आर नेशनल अवॉर्ड और एमजीआर अवॉर्ड पा चुके बालाचंदर को कई विश्वविद्यालयों की ओर से मानद डॉक्टरेट भी दी जा चुकी है।