महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti )का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। आज यानी बुधवार के दिन पूरा देश बापू की 150 वीं जयंती मना रहा है। हर साल उनके योगदान को याद करने के लिए इस दिन को मनाया जात है। बापू के विचारों का असर सिर्फ व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि फिल्मी जगत में भी देखने को मिला। जब भी हम गांधी जी (Gandhi ji) पर बनी फिल्मों की बात करते है तो उनमें लगे रहो मुन्ना भाई (Lage Raho Munna Bhai) का नाम भी आता है।
डायरेक्टर राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) ने अपनी फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के जरिए गांधी की जी की सिखाई गई बातों को बेहद ही अलग तरीके से सबके सामने रखा। ऐसे में महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती पर हम आपको बताने जा रहे है उनकी पांच बातों को बारे में जो हमें सभी लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म के जरिए सीख सकते हैं।
सत्य की हमेशा जीत होती है
जब विक्टर मुन्ना भाई से पूछता है कि वो अपने पिता को उनकी कमाई बर्बाद करने के बारे में कैसे बताए और ऐसा करने की बजाए वो आत्महत्या करना चाहता है। तो मुन्ना बापू की मदद लेकर उसे राय देता है कि वो अपने पिता के सामने जाए और उन्हें सारी बात बताए।
अहिंसा का मार्ग
फिल्म के अंदर बापू मुन्ना को सलाह देते हैं कि वो कभी किसी पर भी हाथ न उठाए और अहिंसा की राह पर चलें। क्योंकि ऐसा करने से हम छोटे नहीं हो जाएंगे बल्कि सामने वाले की नजर में हमारी इज्जत और बढ़ जाएगी।
सभी के साथ सम्मान से पेश आएं
रेस्टोरेंट वाले सीन में जब एक कॉलर मुन्ना की मदद अपने होने वाले दूल्हे से मिलने के लिए मांगती है, तो उस वक्त मुन्ना उसकी मदद करके सभी को फिल्म के जरिए ये बताता है कि सभी से सम्मान के साथ पेश आना चाहिए।
सबको प्यार करो, यहाँ तक कि अपने दुश्मन को भी
मुन्ना फिल्म में अपने दुश्मन लकी सिंह को हर बार फुल भिजवाता है और उसे ठीक रहने की दुआ देता है। इसके जरिए मुन्ना लोगों को ये संदेश देता है कि अपने दुश्मनों से भी प्यार करों।
माफी एक लंबा रास्ता तय करती है
फिल्म में एक सीन आता है जब मुन्ना सर्किट से माफी मांगता है। इस दौरान बापू मुन्ना को समझाते है कि किसी से अलविदा कहना आसान होता है, लेकिन माफी मांगना थोड़ा मुश्किल, लेकिन ऐसा उन्हें करना चाहिए।
यहां देखिए संजय दत्त से जुड़ा हुआ वीडियो..