शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) बॉलीवुड के फेमस एक्टर में से एक हैं. उन्हें इंडस्ट्री में किंग खान के नाम से जाना भी जाता है. वह अक्सर सुरखियों में बने रहते हैं. वहीं अब वडोदरा भगदड़ मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को गुजरात एचसी के फैसले को बरकरार रखते हुए शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और अन्य के खिलाफ वडोदरा रेलवे स्टेशन पर कथित रूप से भगदड़ मचाने के लिए दर्ज एक आपराधिक मामला रद्द कर दिया.
शाहरुख खान के खिलाफ केस दर्ज
दरअसल, जनवरी 2017 में, शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और फिल्म रईस की प्रोडक्शन टीम ने फिल्म के प्रचार के हिस्से के रूप में ट्रेन से मुंबई से दिल्ली की यात्रा की. वडोदरा रेलवे स्टेशन पर, अभिनेता (Shah Rukh Khan) की एक झलक पाने के लिए कथित तौर पर 15,000 से अधिक लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. इससे भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई. यह भी पढ़े: Mehmood Ali: मुंबई में टॉफी और अंडे बेचते थे महमूद अली, ऐसे बने हिन्दी सिनेमा के ‘किंग ऑफ कॉमेडी’
शिकायतकर्ता ने कहा था
शिकायतकर्ता (जितेंद्र मधुभाई सोलंकी) ने वडोदरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी के समक्ष शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वडोदरा रेलवे स्टेशन पर उनकी मौजूदगी ने उनके साथ टी-शर्ट और स्माइली बॉल्स को इकट्ठा भीड़ में फेंक दिया. स्टेशन पर भगदड़ मच गई. उक्त शिकायत को रद्द करने के लिए शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) द्वारा दायर एक आवेदन पर, गुजरात एचसी ने (आदेश दिनांक 27. 04. 2022) शाहरुख के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया था.
शिकायत को रद्द किया
वही अब न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के खिलाफ शिकायतकर्ता द्वारा दायर शिकायत दायर शिकायत को रद्द करने के गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, “इस आदमी शाहरुख खान(Shah Rukh Khan) का क्या दोष था? सिर्फ इसलिए कि वह एक सेलिब्रिटी है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास कोई अधिकार नहीं है. अगर कोई ट्रेन से यात्रा करता है, तो कोई व्यक्तिगत गारंटी नहीं है. एक सेलिब्रिटी को भी देश के हर नागरिक की तरह समान अधिकार प्राप्त हैं. वह (एसआरके) एक सेलिब्रिटी हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह बाकी सभी को नियंत्रित कर सकते हैं. आइए अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दें जो अदालत के ध्यान और समय के लायक हैं.’यह भी पढ़े: HBD Samir Soni: इन्वेस्टमेंट बैंकर फिर मॉडल और उसके बाद बने एक्टर, ऐसा रहा है समीर सोनी का करियर
वरिष्ठ वकील संदीप कपूर
वरिष्ठ वकील संदीप कपूर, जो इस मामले में शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की कानूनी टीम का हिस्सा थे, उन्होंने ईटाइम्स को बताया, “याचिकाकर्ता ने SC में तर्क दिया कि क्योंकि शाहरुख खान एक सेलिब्रिटी हैं, इसलिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए थी, लेकिन SC इससे सहमत नहीं था. याचिकाकर्ता से जजों ने सवाल किया कि प्लेटफॉर्म पर जो हो रहा है उसके लिए शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं चुना जा सकता क्योंकि वह एक सेलिब्रिटी हैं. ‘उन्होंने आगे कहा, ‘न्यायाधीशों ने यह भी सवाल किया कि शिकायतकर्ता कौन था, और वह इस मामले में वकीलों पर खर्च करने में क्यों दिलचस्पी रखते थे और क्यों सक्षम थे. शिकायतकर्ता का न तो पीड़िता से कोई संबंध है और न ही वह साइट पर मौजूद था.
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क
बता दें रविंदर भाकर, जो उस समय पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) थे और वर्तमान में एनएफडीसी के एमडी के रूप में तैनात हैं, ने घटना के समय कहा, ‘शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की ट्रेन यात्रा, रईस के लगभग 60 चालक दल के सदस्यों के साथ थी. टीम द्वारा 1.80 लाख की प्रोमो फीस जमा करने के बाद फिल्म क्रू को अनुमति दी गई थी. विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा नियंत्रण कक्षों को भी यात्रा के विवरण के बारे में तुरंत सूचित किया गया था.’
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