‘ ये जो हल्का हल्का सुरुर है’ Ye Jo Halka Halka Suroor Hain गाने के Lyrics Nusrat Fateh Ali Khan ने लिखे हैं। इसे नुसरत फ़तेह अली खान और उनकी Qawwal Party द्वारा गया गया है। Ye Jo Halka Halka Suroor Hain Hindi Ghazal का Music Nusrat Fateh Ali Khan ने दिया है।
Halka Halka Lyrics in Hindi
साक़िया क्या पिला दिया तूने
पीते पीते जला दिया तूने
ना खबर अपनी है ना लत की
मस्त-ओ-बेखुद बना दिया तूने
ये जो हल्का हल्का सुरूर है
ये तेरी नज़र का कुसुर है
के शराब पीना सिखा दिया
तेरे प्यार ने तेरी चाह ने
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिया
मेरी वादा नोशी के वास्ते
कोई कैद-ए-जाम-ओ-सुबू नहीं
मुझे कैफ रहता है हर घडी
ये तेरी निगाह की बात है …
बस
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिया
तेरे करम का भला क्या शुमार है साकी
जिसे भी देख वो मेहवे खुमार है साकी
वो वादा नोश हु मौतों हयात का जिसकी
तेरी नज़र पे ही दरो-मदार है साकी
रहे ना कोई भी महरूम तेरे मस्तो में
के मयकदे का परवरदिगार है साकी
वो कोन है जो तेरे मयकदे से बच निकला
तेरी नज़र का तो आलम शिकार है साकी
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिया
शराब कैसी, खुमार कैसा
ये सब तुम्हारी नवाज़िशें हैं
पिलाई है किस नज़र से तू नै
के मुझको अपनी खबर नहीं है
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिए…
ये कैसा जाम-ए-मोहब्बत पिला दिया तूने
के दिल में हुस्न का नक्शा जमा दिया तूने
तेरी आता के तसद्दुक तेरी नज़र के निसार
मै क्या था और क्या बना दिया तूने
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिए…
सारा जहान मस्त , जहां का निजाम मस्त
दिन मस्त, रात मस्त, सहर मस्त शाम मस्त
मस्त शीशा, मस्त सब, मस्त जाम मस्त
है तेरी चश्म-ए-मस्त से हर खास-ओ-आम मस्त
यूँ तो साकी हर तरह की तेरे मैख़ाने में है
दे वो भी थोड़ी सी जो इन आँखों के पैमाने में है
सब समझता हु तेरी इशवा-करी ऐ साकी
काम करती है नज़र नाम है पैमाने का
तेरी बहकी बहकी निगाह नै
मुझे इक शराबी बना दिया
तेरा प्यार है मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है बस मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है बस मेरी ज़िन्दगी
मे अज़ल से बंदा-ए-इश्क हूं, मुझे जो-दो-कुफ्र का गम नहीं
मेरे सर को दर तेरा मिल गया , मुझे अब तलाश-ए-हरम नहीं
मेरी बंदगी है वो बंदगी, जो रहीमे -ए-दर-ओ-हरम नहीं
मेरा इक नज़र तुझे देखना, वो नमाज़ से काम नहीं
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
तेरा नाम लू जुबा से, तेरे आगे सर झुका दूँ
मेरा इश्क कह रहा है, में तुझे खुदा बना लूँ
तेरा नाम मेरे लब पर, मेरा तजकरा है दर दर
मुझे भूल जाए दुनिया, में अगर तुझे भुला दूँ
मेरे दिल में बस रहे है, तेरे बेपनाह जलवे
ना हो जिस में नूर तेरा, वो चराग ही बुझा दूँ
तेरी दिल लगी के सदके
तेरी संगदिली के कुरबा
मेरे गम पे हसने वाले
तुझे कोन सी दुआ दू
क़यामत में तेरा दाग-ए-मोहब्बत ले कर उठूँगा
तेरी तस्वीर उस दम भी कलेजे से लगी होगी
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
ले कर तुम्हारा नाम जहा सर झुका दिया
मेने उसी दायर का काबा बना लिया
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है …
ना नमाज़ आती है मुझको, ना वजू आता है
सजदा कर लेता हूँ, जब सामने तू आता है
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
तेरा प्यार है मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है बस मेरी ज़िन्दगी
तेरा प्यार है बस मेरी ज़िन्दगी
मे अज़ल से बंदा-ए-इश्क हूं, मुझे जो-दो-कुफ्र का गम नही
मेरे सर को दर तेरा मिल गया , मुझे अब तलाश-ए-हरम नहीं
मेरी बंदगी है वो बंदगी, जो रहीमे -ए-दर-ओ-हरम नहीं
मेरा इक नज़र तुझे देखना, वो नमाज़ से काम नहीं
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
तेरा नाम लू जुबा से, तेरे आगे सर झुका दूँ
मेरा इश्क कह रहा है, में तुझे खुदा बना लूँ
तेरा नाम मेरे लब पर, मेरा तजकरा है दर दर
मुझे भूल जाए दुनिया, में अगर तुझे भुला दूँ
मेरे दिल में बस रहे है, तेरे बेपनाह जलवे
ना हो जिस में नूर तेरा, वो चराग ही बुझा दूँ
तेरी दिल लगी के सदके
तेरी संगदिली के कुरबा
मेरे गम पे हसने वाले
तुझे कोन सी दुआ दू
क़यामत में तेरा दाग-ए-मोहब्बत ले कर उठूँगा
तेरी तस्वीर उस दम भी कलेजे से लगी होगी
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
ले कर तुम्हारा नाम जहा सर झुका दिया
मेने उसी दायर का काबा बना लिया
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है …
ना नमाज़ आती है मुझको, ना वजू आता है
सजदा कर लेता हूँ, जब सामने तू आता है
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
बस मेरी ज़िन्दगी तेरा प्यार है ….
तेरा प्यार है मेरी ज़िन्दगी
तेरी याद है मेरी बंदगी
जो तेरी ख़ुशी वो मेरी ख़ुशी
ये मेरे जुनू का है मोजजा
जहा अपने सर को झुका दिया
वही मेने काबा बना दिया
कभी मेरे सामने आइये
मूसा नहीं हु में मुझे तबे नज़र भी है पर….
कभी मेरे सामने आइये
वो दूर ही था जो जल गया था
वो कलीम ही थे जो गिर पड़े थे
में अब भी सीना सफ़र हु लेकिन…
कभी मेरे सामने आइये
में मूसा नहीं जो गिर जाऊ
मुझे गिर के सम्भलना आता है
कभी मेरे सामने आइये
कभी मेरे सामने आइये
मुझे अपना जलवा दिखाइये
मेरे दिल की प्यास बुझाइये
ये है कैसा प्यार बताइये
जो कहा नकाब उठाइये
तो ज़रा सा जलवा दिखा दिया
मेरे बाद किसको सताओगे
उम्र भर पछताओगे तुम मुझे ठुकराने के बाद
किस पे तोड़ोगे सितम फिर मेरे मिट जाने के बाद..
अच्छा..
मेरे बाद किसको सताओगे
ये अदाए बेनियाजी तुझे बेवफा मुबारिक
मगर ऐसी बेरुखी क्या जो सलाम तक ना पहुचे
अच्छा..
मेरे बाद किसको सताओगे
मेने कहा निगाह है ये
उसने कहा ये तीर है
मेने कहा अबरू है ये
उसने कहा शमशीर है
मेने कहा चेहरे पे क्यू बलखाती है जुल्फे बता
उसने कहा ये आशिकों के वास्ते ज़ंजीर है
मेने कहा फुरकत मे तेरी जान से खेला हु मै
उसने कहा जिन्दा रहा ये भी तेरी तकदीर है
मेने तुम्हे दिल दिया, तुमने मुझे रुसवा किया
मेने तुमसे क्या किया और तुमने मुझसे क्या किया
अच्छा..
मेरे बाद किसको सताओगे
दिल जलो से दिल लगी अच्छी नहीं
रोने वालो से हसी अच्छी नहीं
दिल लगी ही दिल लगी में दिल गया
दिल लगाने का नतीजा मिल गया
में तो रोता हु की मेरा दिल गया
तुम क्यों हस्ते हो तुम्हे क्या मिल गया
अच्छा..
मेरे बाद किसको सताओगे
जो पूछा के किस तरह होती है बारिश, जबी से पसीने की बुँदे गिरा दी
जो पूछा के किस तरह गिरती है बिजली, निगाहें मिलाई मिला का झुका दी
जो पूछा शब्-ओ-रोज़ मिलते है कैसे, तो चेहरे पे अपने वो जुल्फें हटा दी
जो पूछा के नगमों में जादू है कैसा, तो मीठे तकल्लुम में बाते सुना दी
जो अपनी तमन्नाओ हाल पूछा, तो जलती हुई चंद शम्मे बुझा दी
में कहता रह गया खाता-ए-मोहब्बत की अच्छी सजा दी
मेरे दिल की दुनिया बना कर मिटा दी
अच्छा..
मेरे बाद किसको सताओगे
मेरी वफाए याद करोगे
रोओगे फरियाद करोगे
मुझको तो बरबाद किया है
और किसे बरबाद करोगे
फिर …
मेरे बाद किसको सताओगे
मुझे किस तरह से मिटाओगे
कहाँ जा के तीर चलाओगे
मेरी दोस्ती की बलाएँ लो
मुझे हाथ उठा कर दुआएँ दो
तुम्हें एक कातिल बना दिया
मुझे देखो खुवाहिशे-जान-ए-जा
में वही हूं अनवर-ए-नीम जा
तुम्हें इतना होश था जब कहाँ
ना चलाओ इस तरह तुम जबा
करो मेरा शुक्रिया मेहेरबा
तुम्हें बात करना सिखा दिया
ये जो हल्का हल्का सुरूर है
ये तेरी नज़र का कुसूर है
के शराब पीना सिखा दिया
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