Happy Birthday: सिनेमा से सियासत तक…ऐसा रहा विनोद खन्ना का सफर

विनोद खन्ना के लिए जब टॉम बॉय वाला अंदाज छोड़ शर्मीली लड़की बन गई थी अमृता सिंह...

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Happy Birthday: सिनेमा से सियासत तक…ऐसा रहा विनोद खन्ना का सफर

6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में जन्म लेने वाले हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार विनोद खन्ना का आज जन्मदिन है। बॉलीवुड इंडस्ट्री में विनोद खन्ना टॉल, डार्क और हैंडसम मैन के नाम से जाने जाते थे। वो भले ही आज हमारे बीच न हो, लेकिन अपनी फिल्मों और अभिनय से वो हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। विनोद खन्ना का नाम उन सितारों की लिस्ट में शामिल है जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों में निगेटिव रोल से की।

विनोद खन्ना को सुनील दत्त ने ‘मन का मीत’ 1968 में विलेन के रूप में लांच किया था। इस फिल्म में विनोद के अभिनय को लोगों ने खूब पसंद किया था। फिल्मों में लीड रोल में नजर आने से पहले विनोद खन्ना ने ‘आन मिलो सजना’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’ जैसी फिल्मों में खलनायक और सहायक के रूप में काम किया।

वर्ष 1971 में गुलजार द्वारा निर्देशित मेरे अपने में विनोद कुमार बतौर हिरो फिल्म में नजर आए। इसके बाद वो धीरे-धीरे टॉप हीरोज लिस्ट में शामिल हो गए। 1999 में विनोद खन्ना को उनके इंडस्ट्री में योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया था।

अमृता से इश्क की कहानी

बॉलीवुड में कई सारे अफेयर की खबरें आती रहती है। ऐसा ही एक किस्सा था विनोद खन्ना और अमृता सिंह का। एक समय ऐसा था जब बॉलीवुड एक्ट्रेस अमृता सिंह और विनोद खन्ना की लव स्टोरी लगातार खबरों का हिस्सा बनी थी। यही नहीं बल्कि ख़बरों की माने तो दोनों ने शादी का मूड भी बना लिया था। दरअसल इनके प्रेम की शुरुआत जे.पी दत्ता की 1989 में आई फिल्म ‘बटवारा’ से हुई।

ऐसे में जब उन्हें मौका मिला ‘बटवारा’ में विनोद खन्ना के साथ काम करने का तो वो उन्हें अपना दिल दे बैठी। हालांकि विनोद खन्ना ने उनमें कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया तो रवि शाष्त्री ने इसपर अमृता को चिढ़ाते हुए कहा ये अंगूर तो खट्टे हैं| ऐसे में अमृता ने इस बात को चुनौती की तरह मान लिया। फिल्म के पहले शेड्यूल के खत्म होने के बाद भी विनोद खन्ना और उनमें कोई रोमांस की चर्चा नहीं थी लेकिन दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गयी थी।

हालांकि जब फिल्म का दूसरा शेड्यूल शुरू हुआ तो अमृता सिंह ने अपना टॉम बॉय वाला अंदाज छोड़ शर्मीली लड़की बन गयी। वो विनोद खन्ना के करीब जाने लगी। उनकी एक नजर को पाने के लिए वो परेशान हो गयी। इस शेड्यूल में वो उनके साथ-साथ ही रहती और सेकंड शेड्यूल खत्म होते-होते दोनों के रोमांस की खबरें आनी शुरू हो गयीं। हालांकि इनका रिलेशनशिप बहुत दिनों तक नहीं चला और अमृता सिंह ने सैफ अली खान से शादी कर ली।

विनोद खन्ना की शादी

वहीं विनोद खन्ना ने साल 1971 में गीतांजलि से शादी की। इस शादी से उनके दो बेटे राहुल और अक्षय खन्ना हैं। लेकिन विनोद और गीतांजलि में आपसी मतभेद के चलते 1985 में तलाक हो गया। इसके बाद विनोद खन्ना ने 1990 में दूसरी शादी कर ली। उस शादी से भी उनके दो बच्चे है। बेटे का नाम सांक्षी खन्ना और बेटी का नाम श्रद्धा खन्ना है।

ओशो की शरण

वर्ष 1982 में विनोद खन्ना ने बॉलीवुड से मोह माया त्यागकर आध्यात्मिक गुरु रजनीश(ओशो) की शरण में चलें गए। ओशों के आश्रम में सुपरस्टार विनोद खन्ना ने बर्तन धोने और माली का काम किया। उस वक्त उनके इस फैसले से फिल्म इंडस्ट्रीज में हंगामा मच गया था।

‘इंसाफ से की वापसी’

सिनेमा के प्रति प्यार विनोद खन्ना को फिल्मों में वापस खींच लाया। 1987 में उन्होंने ‘इंसाफ’ फिल्म से पर्दे पर वापसी की। इसके बाद चार-पांच नायक के किरदार को निभाने के बाद विनोद खन्ना चरित्र भूमिकाओं की ओर मुड़ गए। सलमान खान के साथ बहुत फिल्मों में विनोद खन्ना ने काम किया।

राजनीतिक सफर

विनोद खन्ना का फिल्मों के जैसा ही राजनीतिक सफर भी शानदार ही रहा। विनोद खन्ना भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। जोकि 1998,1999,2004,और 2014 में पंजाब के गुरदासपुर से लोकसभा सीट जीतने में कामयाब हुए।

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Story Author: कविता सिंह

विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।

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