इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने फिल्म मेंटल है क्या पर जताई आपत्ति, टाइटल को बताया गैरकानूनी, दी नाम बदलने की सलाह

फिल्म 'मेंटल है क्या' को लेकर विवादों में घिर गई हैं। इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने फिल्म के नाम पर आपत्ति जताई है और इसका नाम बदलने के लिए कहा है।

फिल्म मेंटल है क्या वीडियो पोस्टर का एक सीन। (फोटोः इंस्टाग्राम)

बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत का विवादों से चोली दामन का रहा है। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी’ का विवाद जैसे ही शांत हुआ, उसके बाद से फिल्म ‘मेंटल है क्या’ को लेकर विवादों में घिर गई हैं। एक दिन पहले इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी ने आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने लिखित शिकायत में फिल्म का नाम बदलने और इसके पोस्टर हटाने की मांग की थी। इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने फिल्म के नाम पर आपत्ति जताई है और इसका नाम बदलने के लिए कहा है।

आपको बता दें कि फिल्ममेकर्स ने फिल्म ‘मेंटल है क्या’ के दो पोस्टर रिलीज किए हैं, जिसमें उन्होंने कंगना रनौत और राजकुमार राव एक दूसरे को देखकर रहे हैं और अपनी जीभ पर ब्लेड की धार से खड़ा कर रखा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सांतनु सेन ने कहा कि फिल्म ‘मेंटल है क्या’ टाइल अपनी मानसिक विकृतियों से जूझ रहे लोगों के लिए साफ तौर पर अपमानजनक है। यह ऐसे पीड़ितों पर व्यंग्यात्मक और उनकी बीमारी का उपहास है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया गैरकानूनी टाइटल

डॉ. शांतनु ने कहा कि ऐसे पीड़ितों के बारे में बताने के लिए अच्छा शब्द पर्सन विद मेंटल इलनेस यानि दिमागी बीमारी के पीड़ित व्यक्ति। यह शब्द स्पष्ट रूप से बताता है कि मानसिक बीमारी व्यक्ति का मतलब यह नहीं की उस बीमार व्यक्ति को अस्वीकार किया जाए। फिल्म का टाइटल पूरी तरह से अनैतिक और अमानवीय होने के साथ-साथ यह गैरकानूनी भी है।

दिव्यांगों का अपमान करने पर पांच साल तक की सजा

डॉ. शांतनु ने कहा कि दिव्यांग अधिकार कानून की धारा 92 के मुताबिक जो भी व्यक्ति या संस्थान दिव्यांग व्यक्ति का आपमान करता है उसे कैद के साथ सजा मिलती है। यह सजा 6 महीने की होती है जिसे बढ़ाकर 5 साल किया जा सकता है और आर्थिक जुर्माना भी लिया जाता है।

वीडियो में देखिए कंगना रनौत ने लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर क्या कहा…

रमेश कुमार :जाकिर हुसैन कॉलेज (डीयू) से बीए (हॉनर्स) पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के बाद रामजस कॉलेज में दाखिला लिया और डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटकल साइंस में पढ़ाई की। इसके बाद आईआईएमसी दिल्ली।