सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth)की तो पूरी दुनिया दीवानी है। फैंस उनकी अदाकारी के कायल हैं। फिर वह चाहे किसी देश या भाषा से जुड़े ही क्यू ना हो। जैसे जापान में रजनीकांत के काफी फैंस है। इसी कारण जापान में रजनीकांत (Rajinikanth) की लोकप्रियता ने उनके लिए हिंदी सिनेमा के रास्ते खोल दिये है।जापान (Japan) के लोग भी रजनीकांत के स्टाईल के उतने ही दीवाने है जितने भारत के लोग है।
दरअसल रजनीकांत (Rajinikanth)की एक हिट फिल्म है ‘बासा’। इस फिल्म में रजनीकांत ने एक ऑटो ड्राइवर का रूल निभाया है। वही जब जापान में रहने वाले याशूदा ने जब इस फिल्म को देखा तो वह रजनीकांत के फैन हो गये। उसके बाद उन्होंने एक ऑटो रिक्शा खरीदा और रजनीकांत की तरह ही दक्षिणी भारतीय अंदाज में धोती को लुंगी की तरह बांध कर घूमने लगे। वे रजनीकांत के ऐसे जबर्दस्त फैन बने की वह चेन्नई आकर उनकी फिल्में भी देखने लगे। इसके लिए उन्होंने तमिल भाषा भी सीखी।
अब रजनीकांत कैसे जापान में इतने मशहूर हो गये ? इसकी भी एक खास कहानी है।
जब 1996 में जापानी फिल्म आलोचक जून एडोकी सिंगापुर के ‘लिटिल इंडिया’ वीडियो स्टोर में गये तो उन्होंने फिल्म मुथु का वीडियो कैसेट देखा। एडोकी को कैसेट के कवर पर लिखा फिल्म का सारांश थोड़ा अनोखा लगा। लेकिन फिर भी वह उस कैसेट खरीद कर अपने घर ले आए। फिल्म तमिल भाषा में थी और इसका कोई अंग्रेजी सबटाइटल भी नहीं था तो उन्होंने किसी तरह दृश्यों के माध्यम से कहानी को समझने की कोशिश की। ज्यादा कुछ तो उनके समझ नहीं आया लेकिन वह रजनीकांत (Rajinikanth)के स्टाईल के फैन हो गये। तभी एडोकी के मन में ख्याल आया, अगर इस फिल्म को जापानी भाषा में डब कर लिया जाये तो यह लोगों को बहुत पसंद आएगी। रजनीकांत (Rajinikanth) की डांसिंग और स्टाइलिश एक्टिंग जापानी लोगों के लिए एक नया अनुभव होगा। उन्होंने जापान के कई फिल्म वितरकों से बात की। शुरू में जापानी वितरकों ने इसमें रुचि नहीं दिखायी। लेकिन आखिरकार जापान की एक निर्माण कंपनी ‘मुथु’ को डब करने के लिए तैयार हुई। जापानी भाषा में यह फिल्म- मुथु ओडोरू महाराजा ( मुथु- द डांसिंग महाराजा) के नाम से रिलीज हुई।
1998 में जापान में टोकियो के शिबुएया जिले के राइज सिनेमा हॉल में यह फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म के बाद जापान में रजनीकांत(Rajinikanth) की लोकप्रियता जुनून की हद तक बढ़ गयी। उस दौरान जापानियों पर रजनीकांत की एक्टिंग का ऐसा जादू चला की यह फिल्म लगातार 25 हफ्ते तक चली और करीब साढ़े बारह करोड़ रुपये का बिजनेस किया। इस सिनेमा हॉल के लिए ये फिल्म मेगाहिट साबित हुई। मुथु की सफलता देख कर फिर इसे 100 सिनेमाघरों में रिलीज किया। तब इसने 23 करोड़ 74 लाख रुपये का बिजनेस किया। जापानीयो के लिए रजनीकांत के अभिनय की अदा बिल्कुल अलग थी। सिगरेट को हवा में उछाल कर अपने होठों में दबाना उनके लिए देखना उनोखा था। इस तरह रजनीकांत जापान में सबसे लोकप्रिय भारतीय अभिनेता बन गये।
हिंदि फिल्म मुथु में रजनीकांत (Rajinikanth)ने एक जमींदार के बग्गी चालक ‘मुथु’ की भूमिका निभायी है। फिल्म की कहानी में जमींदार और उसका बग्गीचालक एक ही महिला से प्रेम कर बैठते हैं। महिला जमींदार के बारे में कुछ नहीं जानती। फिर कहानी में एक मोड़ आता हैं और पता चलता है कि मुथु ही असली जमींदार है। लेकिन मुथु जमींदार के रूप में नहीं बल्कि जनता के सेवक के रूप में रहना चाहता है।
वही 2006 में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह टोकियो गये थे तब उन्होंने ‘मुथु’ के जरिये जापान में भारत की पहुंच का जिक्र किया था। लोकप्रियता की वजह से रजनीकांत (Rajinikanth)भी जापान को बेहद पसंद करते है । 2011 में सुनामी और भूकंप ने जापान में भारी तबाही मचायी थी। तब रजनीकांत ने जापान के पीड़ित लोगों की मदद की थी।
बता दें की जापान में रिलीज होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी- राजू बन गया जेंटलमैन। शाहरुख खान (shahrukh khan) की यह फिल्म भारत में 1992 में रिलीज हुई थी। पांच साल बाद इसे जापान में प्रदर्शित किया गया था। लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका प्रदर्शन सामान्य रहा।
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