आज पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। सर्च इंजन गूगल ने भी इस शानदार डूडल कर विश्व की सभी महिलाओं को सलाम किया है। विश्व की ये आधी आबादी एक मां, पत्नी, बेटी और बहन के रूप में हमेशा पुरुषों के साथ खड़ी रही हैं। लेकिन महिलाओं के इन रूपों का कभी सम्मान नहीं मिला और न ही कभी इन्हें बराबरी का दर्जा मिला है। हमारी फिल्मों में इन सच्चाइयों को समय-समय पर दिखाया जाता रहा है। फिल्मों में महिलाओं के किरदार में काफी परिवर्तन हुए हैं।
श्रीदेवी, नीना गुप्ता, किरण खेर, स्वरा भास्कर, काजोल, मेहेर विज, नरगिस दत्त, सीमा पाहवा जैसी एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में मां के किरदारों में काफी परिवर्तन किया। फिल्मों में पहले की मां अपने पति और बेटे के आगे अपनी बात नहीं रख सकती थी या बोल नहीं सकती थी, वहीं आज की मां अपने बेटे और बहू के साथ या सामने शराब पीती है और यौन संबंधों पर बात करती है। अपने बच्चों के लिए अपने पति और समाज से टक्कर लेती है। यहां हम ऐसे ही कई फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिसमें एक मां के किरदार ने पहले की बाधाओं को तोड़ा और नए मानदंड स्थापित किए।
इंग्लिश-विंग्लिश
सबसे पहले हम बात करेंगे बॉलीवुड दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी की। उन्होंने साल 2012 में आई फिल्म ‘इंग्लिश-विंग्लिश’ जैसी फिल्म की। इस फिल्म में श्रीदेवी एक मां शशि गोडबोले का किरदार निभाती हैं। उनकी बेटी और पति अंग्रेजी नहीं आने की वजह से उनका मजाक उड़ाते हैं। उनकी बेटी उन्हें हर चीज में नीचा दिखाती है। वाबजूद इसके वह अपने घर के काम भी पूरे करती हैं और अंग्रेजी भी सीखती हैं। इतना ही नहीं वो अपनी बेटी और पति से प्यार भी करती है।
बधाई हो
फिल्म ‘बधाई हो’ एक ऐसी मां की कहानी है,जिसके दो बच्चे शादी लायक होते हैं लेकिन वो फिर भी प्रेग्नेंट हो जाती है। ऐसी मां का किरदार बॉलीवुड की जाने मानी एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने निभाया है। फिल्में उनके बेटे की भूमिका आयुष्मान खुराना निभाते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि उनकी मां प्रेग्नेंट हैं तो वह अपनी मां और पिता से काफी नाराज होते हैं। नीना गुप्ता ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंट होने की वजह अपने बेटे सहित समाज की एक सेट धारणा का सामना करती हैं। इधर सान्या मल्होत्रा की मां का किरदार निभा रही शीबा चड्ढा को खुले विचारों को वाला दिखाया है। वह बेटी के साथ बैठकर शराब पीती हैं और रिलेशनशिप पर ओपनली बात करती हैं। यह इस तरह की पहली थी।
सीक्रेट सुपरस्टार
साल 2017 में आई फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में एक मुस्लिम मां और बेटी के रिलेशनशिप को दिखाया गया है। एक मां जो बेटी के सपने पूरे करने और अपने सम्मान के लिए अपनी पति से लड़ जाती है। अपनी बेटी के सपने पूरे करने के लिए वह अपना सोने का हार बेचती है। वह बेटी के आड़े धर्म और समाज से भी टकराती है और जब बेटी सुपरस्टार बनती है तो वह सारे बंधन तोड़ देती है। बॉलीवुड इस तरह की स्टोरी पर बनी ये पहली फिल्म थी।
निल बट्टे सन्नाटा
साल 2016 में आई फिल्म ‘निल बट्टे सन्नाटा’ में भी एक मां-बेटी के भावुक रिश्ते को दिखाया है। इस फिल्म में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अशिक्षित मां किरदार निभा रही हैं। जिसका सपना होता है कि उसकी बेटी बड़ी होकर आईएएस ऑफिसर बने। वह स्लम रहती है, घरों में काम करती है। लेकिन उनकी बेटी अपेक्षा यानि रिया शुक्ला पढ़ाई-लिखाई के अलावा सारे काम करती है। उनकी बेटी उन्हें चैलेंज करती है पढ़ने और दसवीं पास करने के लिए जिसकी वजह वह स्कूल में दाखिला लेती है। अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए वह स्कूल जाती है उसकी क्लास में पढ़ती है और दसवीं पास करती है। अपनी बेटी को मोटिवेट करती हैं और सफल बनाती है। इस तरह की यह पहली फिल्म थी। हालांकि, इसके बाद फिल्म ‘हेलीकॉप्टर ईला’ भी इसी जोनर पर बनी। लेकिन उतनी सफल नहीं हुई। इसमें काजोल ने मुख्य किरदार निभाया था।
शुभ मंगल सावधान
साल 2017 में आई फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ में एक्ट्रेस सीमा पाहवा भूमि पेडनेकर की मां का किरदार निभाती हैं। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से झूज रहे आयुष्मान खुराना से सब भूमि पेडनेकर मना करती हैं तो वह उन्हें समझाती है। उनका ये अली बाबा चालीस चोर वाला डायलॉग भी काफी फेमस हुआ। इस फिल्म में यौन संबंधों से ज्यादा प्यार की बारिकियों को समझाया गया है। जिसमें सीमा पहवा बेटी सुगंधा को समझाती है।
दोस्ताना
इनके अलावा किरण खेर ने फिल्म ‘दोस्ताना’ में अहम किरदार निभाया। जो अपने बेटे को बायोसेक्सुअल समझती हैं। फिर भी उन्हें बहुत सपोर्ट करती है। फिल्म में किरण खेर के बेटे की भूमिका अभिषेक बच्चन निभाते हैं और उनकी पत्नी यानि बनती है जॉन अब्राहम। यह फिल्म भी इस तरह की पहली फिल्म थी जिसमें दो पुरुषों की शादी होती है और एक मां अपनी एक व्यक्ति को अपनी बहू के रूप में स्वीकार भी करती है।
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