कैंसर से जंग जीत चुकी बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने रविवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2019 में पहुंची। मनीषा कोइराला ने इस मौके पर अपनी किताब ‘हील्डः हाउ कैंसर गेव मी ए न्यू लाइफ’पर भी चर्चा की और इसके साथ कैंसर के दौरान हुई स्थिति का अनुभव यहां मौजूद लोगों से शेयर किया। उन्होंने कहा कि समय का बुरा चलने का मतलब असफलता नहीं होती है।
मनीषा कोइराला ने कहा कि आपका बुरा दौर आपको नए सबक और सीख देता है। उन्होंने कहा कि कैंसर ने उनको बदला है, वह अब पहले ज्यादा दयालु, जेंटल और अब हर चीज को प्रकृति के नजरिए से एन्जॉय करने लगी हैं। उन्होंने कहा कि दवाइयां बनाने वाली कंपनियों और सरकार के बीच साझेदारी होनी चाहिए जिससे की कैंसर के मरीजों को सस्ते से सस्ता ईलाज मुहैया कराया जा सके।
मनीषा कोइराला ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कहा कि जिंदगी फूलों का बिस्तर नहीं होता है। हर किसी व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव होते हैं। लेकिन, हर किसी को यह समझना चहिए कि यह एक बुरा वक्त है। कल इससे अच्छा वक्त भी आएगा। उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देस इस जानलेवा बिमारी के बारे सब जानते हैं।
यहां देखिए जी लिटरेचर फेस्ट का ट्वीट
मनीषा कहा कि विकसित देशों के लोग सही समय पर डॉक्टर के पास चले जाते हैं जिससे उन्हें कैंसर का पता चल जाता है और ठीक समय पर ठीक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा शरीर जानता था कि मुझे कैंसर है लेकिन वह इससे अंजान थीं। अगर उन्हें पहले से ही पता होता कि उन्हें कैंसर जैसी घातक बिमारी हुई है तो वह पहले ही डॉक्टर के पास चली जातीं।
कैंसर का पता चलते ही मरने का ख्याल
मनीषा ने कहा कि जब उन्हें पता चला की उनको कैंसर हुआ है तो उनके दिमाग मरने का ख्याल आने लगा, लेकिन वह मरना नहीं चाहती थीं। अपनी किताब में भी उन्होंने इसी लाइन के साथ शुरुआत की थी। वह कहती हैं कि जिस दिन उन्हें कैंसर का पता चला, वो रात उन्होंने बड़ी कठिनाइयों में गुजारी। उन्होंने कहा कि जब कैंसर था तो वह पॉजिटिव कहानी के बारे में ही सोचती थीं।
यहां देखिए मनीषा कोइराला की तस्वीरें…
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