जाह्नवी कपूर ने फिर किया अपनी मां को याद, कहा- मैं उनकी तरह नहीं कर सकती ये काम

गोवा में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में जाह्नवी कूपर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की...

गोवा में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में जाह्नवी कूपर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इस दौरान जाह्नवी ने कहा कि उनके लिए साल 2018 अच्छा भी रहा और बुरा भी। इस साल उन्होंने अपनी मां को खोया, वहीं पहली फिल्म भी इसी साल रिलीज हुई।

वहीं जाह्नवी (Janhvi Kapoor) से अक्सर उनकी मां की तुलना की जाती है है इस पर उन्होंने कहा कि मैंने अपनी मां का बेस्ट देखा है और मैं कभी उनकी योग्यता के साथ मैच नहीं कर पाउंगी। मैं उनकी तरह चाहकर भी नहीं बन सकती ।

इसके साथ ही जाह्नवी ने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं जितना भी मुझे प्यार मिला है मुझे काम करने का मौका मिला जो कि मेरे लिए बड़ी बात है। मुझे अपने माता-पिता को सम्मानित महसूस कराने का मौका मिला, जोकि सबसे ज्यादा अहम हैं।

जाह्नवी कपूर ने अपने शादी और क्रश के बारे में खुलासा किया है। लेकिन इससे इंडियन फैंस को थोड़ा निराश होना पड़ सकता है। वैसे जाह्नवी के पसंद पर आपको नाज भी हो सकता है। हालांकि ये तो अपनी मां श्रीदेवी की तरह ही सुंदर हैं, उनकी तरह दिखने की पूरी कोशिश करती हैं। इस बात को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर छायीं रहती हैं। इसके साथ ही फिल्म धड़क में आकर धमाल ही मचा दिया।

जानकारी के मुताबिक, ब्राइड्स टुडे को दिए गए इंटरव्यू में जाह्नवी कपूर ने बताया, ‘मैं कुछ सालों पहले फ्लोरेंस गई थी। वहां पर मैनें सुंदरता देखकर दिल दे बैठी। अब मैं वहीं शादी करना चाहती हूं। मुझे वह जगह बेहद पसंद है। इसके साथ ही शादी में गोल्डन जरी के काम की कांजीवरम साड़ी पहनना चाहूती हूं। फ्लोरेंस में जाने के साथ ही मेरे दिल में शादी की बात आई थी।’

जाह्नवी का क्रश
अब यहां पर आपको थोड़ा कंफ्यूजन हो सकता है। क्योंकि इसको लेकर जाह्नवी खुद ही कंफर्म नहीं हैं। जाह्नवी बताती हैं, ‘उनको एक अमेरिकन एक्टर और एक इंडियन एक्टर बेहद पसंद हैं। मुझे कभी गुरु दत्त पसंद आते हैं और कभी-कभी मेट डमन पर दिल फिदा हो जाता है।’ लेकिन यहां पर एक बात साफ हो गई है कि जाह्नवी को किस प्रकार के शख्श पसंद हैं।

देखिए जाह्वनवी कपूर की कुछ अन्य तस्वीरें…

कविता सिंह :विवाह के लिए 36 गुण होते हैं, ऐसा फ़िल्मों में दिखाते हैं, पर लिखने के लिए 36 गुण भी कम हैं। पर लेखन के लिए थोड़े बहुत गुण तो है हीं। बाकी उम्र के साथ-साथ आ जायेंगे।