Kabir Singh Movie: कबीर सिंह को खराब फिल्म बताने वालों को डायरेक्टर संदीप वांगा ने दिया करारा जवाब

शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म कबीर सिंह (Kabir Singh Movie) को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। अब फिल्म के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) ने इसपर अपनी बात रखी है।

कबीर सिंह फिल्म का निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा ने किया है। (फोटो- इंस्टाग्राम)

रिलीज के 16 दिन बाद भी शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) और कियारा आडवाणी (Kiara Advani) की फिल्म कबीर सिंह (Kabir Singh Movie) का बॉक्स ऑफिस पर जलवा कायम है। ‘कबीर सिंह’ अभी तक इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म का टाइटल अपने नाम करने की ओर आगे बढ़ रही है। इस फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, जिसपर अब डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) ने फिल्म की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है।

कबीर सिंह फिल्म को मर्दानगी के बेहूदा प्रदर्शन को लेकर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। खासकर फिल्म के एक सीन जिसमें शाहिद कपूर कियारा आडवाणी को थप्पड़ मारते हैं, को लेकर काफी विवाद हुआ था। फिल्म के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने इसके बारे में कहा, ‘आप एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं और आपको एक दूसरे को थप्पड़ मारने की आजादी नहीं है, तो मुझे इस रिलेशनशिप में कुछ खास दिखाई नहीं देता। इसका विरोध करने वालों ने शायद प्यार का सही तरीके से अनुभव नहीं किया है।’

संदीप वांगा ने आगे कहा, ‘प्रीति (कियारा आडवाणी) कबीर (शाहिद कपूर) को बेवजह थप्पड़ मारती है, लेकिन कबीर के पास कम के कम थप्पड़ मारने की वजह तो है। अगर आप अपने प्रेमी को थप्पड़ नहीं मार सकते, उसे किस नहीं कर सकते, छू नहीं सकते, तो मुझे नहीं लगता कि आपमें कोई फीलिंग्स हैं।’ इस दौरान संदीप ने रणबीर कपूर की फिल्म संजू के उस सीन का भी जिक्र किया, जिसमें सोनम कपूर रणबीर से मंगलसूत्र मांगती हैं, तो अभिनेता उनके गले में टॉयलेट सीट की अपर साइड को उखाड़कर सोनम के गले में डाल देते हैं।

बताते चलें कि कबीर सिंह फिल्म ने 16 दिनों में 226.11 करोड़ रुपये का बिजनेस किया है। संदीप रेड्डी वांगा का दावा है कि उनकी फिल्म 300 करोड़ का आंकड़ा पार करेगी।

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यहां देखिए फिल्म कबीर सिंह को लेकर शाहिद कपूर का खास इंटरव्यू…

राहुल सिंह :उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी से ताल्लुक रखता हूं। वैसे लिखने को बहुत कुछ है अपने बारे में, लेकिन यहां शब्दों की सीमा तय है। पत्रकारिता का छात्र रहा हूं। सीख रहा हूं और हमेशा सीखता रहूंगा।