कादर खान (Kadar Khan) बॉलीवुड में एक ऐसा नाम जिसने न सिर्फ कैमरे के आगे रहकर लोगों का दिल जीता बल्कि कैमरे के पीछे भी कादर ने अपने हुनर का लोहा मनवाया। कादर खान ने कैमरे के पीछे रहकर अपनी लेखन शैली से भी लोगों का दिल जीत लिया। इस बात को बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि कादर ने बहुत सी फिल्मों के लिए यादगार डायलॉग्स लिखे हैं।
कादर खान के बारे में अधिकतर लोगों को उनके विलेन के बारे में जानकारी है। जिस तरह से कादर खान ने परदे पर विलेन की भूमिका निभाई उसे आज भी याद किया जाता है। वहीं इससे ज्यादा देखा जाए तो उन्होंने लेखन में भी काम किया। उनके लिखे डायलॉग्स ने फिल्मों को अमर ही कर दिया है।
अगर लेखन की बात की जाए तो कादर खान फिल्मों में वो फेमस डायलॉग्स लिखे जिनके बारे में जानकर आप हैरान ही रह जाओगे। आप इस बात पर यकीन नहीं कर पाओगे कि ये डायलॉग्स कादर खान ने लिखे थे।
कादर खान ने सपूत फिल्म का डायलॉग- कितना फर्क है तुम में और मुझ में, तुम दुश्मन को ताने मारते हो और मैं दुश्मन को गोली मारता हूं। वहीं जैसी करनी वैसी भरनी का डायलॉग- तुम्हारी उम्र मेरे तर्जुबे से बहुत कम है, तुमने उतनी दिवालियां नहीं देखीं जितनी मैंने तुम जैसे बिकने वालों की बर्बादियां देखी हैं। इसी के साथ ही याराना फिल्म का फेमस डायलॉग- तेरे लिए तो मैंने नरक के दरवाजे भी बंद कर दिए हैं कमीने भी कादर खान ने ही लिखा था।
अब जो डायलॉग की बात कर रहे हैं उसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे। इतना सन्नाटा क्यों है भाई? और हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं जैसे डायलॉग भी कादर खान ने ही लिखे। कादर खान ने अधिकतर अमिताभ बच्चन की फिल्मों के लिए बहुत और शानदार डायलॉग लिखे थे। फिल्म सुहाग के इस डायलॉग को ही ले लीजिए ‘किसी भी अच्छी चीज को मशहूर होने में वक्त लगता है।’ या फिर फिल्म हम का ये डायलॉग- ऐसी मौत मारेंगे कि एक बार मौत को भी पसीना आ जाएगा।
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