कैलाश खेर (Kailash Kher) आज अपना 49वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं कैलाश एक इंडियन प्ले बैक सिंगर और म्यूजिक कंपोजर हैं। बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित कैलाश की गायिकी पर सूफी संगीत का काफी असर है। उनका जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। कैलाश ने पंडित कुमार गंधर्व, पंडित ह्रदयनाथ मंगेशकर से लेकर पंडित भीमसेन जोशी, नुसरत फतेह अली खान जैसे दिग्गज संगीतकारों की सोहबत में अपनी गायिकी को तराशा है। इस ख़ास मौके पर जानते हैं कैलाश खेर का घर छोड़ने वाला एक रोचक किस्सा।
कैलाश खेर को बचपन से ही संगीत का जुनून था। इस जुनून के लिए काफी संघर्ष भरे दिन देखने पड़े। कैलाश खेर ने महज 4 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था। अपनी मीठी आवाज से सबको खुश कर देने वाले कैलाश ने जब गायिकी में ही करियर बनाने का फैसला किया तो परिवार ने साथ नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने सिर्फ संगीत के लिए मात्र 14 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया।
कैलाश खेर घर छोड़कर लोक संगीत के बारे में जानकारी इकट्ठी करने लगे। कैलाश के सामने जब रोटी-रोटी की समस्या आई तो बच्चों को संगीत सिखा कुछ पैसे कमाने लगे। संघर्षों का सामना करते हुए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। साल 2001 में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मायानगरी का रुख किया।
जब कैलाश खेर मुंबई तो आए तो उनके पास ना तो कोई काम था ना पैसे थे। मायानगरी में काम की तलाश में भटक रहे कैलाश को सबसे पहले एक एड के जिंगल में गाने का मौका म्यूजिक डायरेक्टर राम संपत्त ने दिया था। इस जिंगल्स में कैलाश की आवाज का जादू ऐसा चला कि उनके पास जिगल्स की लाइन लग गई।
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